रुद्रपुर में 17 गोदामों में लगी भीषण आग

रुद्रपुर में 17 गोदामों में लगी भीषण आग

रुद्रपुर शहर के किच्छा हाइवे के पास स्क्रैप के 17 गोदामों में भीषण आग लग गई। इस दौरान चलीं तेज हवाओं से आग फैलते हुए समीप के बिगवाड़ा भट्टा में बने दो कच्चे मकानों तक पहुंच गई। आग की लपटों को देखते हुए आसपास के आधा दर्जन घरों को खाली करा दिया गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया। आग से करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अंदेशा है। किच्छा रोड पर मेडिसिटी अस्पताल के पास स्क्रैप के गोदाम हैं। इन गोदामों में बड़ी संख्या में प्लास्टिक के ड्रम, पॉलीथिन, टिन, लोहा, तांबा, पीतल सहित काफी स्क्रैप भरा है। शुक्रवार दोपहर करीब ढाई बजे पहाड़गंज निवासी जफीर अहमद के गोदाम में अज्ञात कारणों से आग लग गई। तेज हवा चलने से आग ने विकराल रूप ले लिया और डरावनी लपटों के साथ आग बढ़ती चली गई। आग ने मो. सलीम, मो. अहमद, जमील अहमद, अय्यूब, सलीम, मो. सलीम, हाजी महमूद, भोला, भूतबंगला निवासी इमरान नानी, बगवाड़ा निवासी रंजीत सिंह के गोदाम को भी चपेट में ले लिया। इसके बाद आग ने बिगवाड़ा भट्टा में बने गीता देवी और जगिया के टिनशेडनुमा मकान को जद में ले लिया। इससे घरों में रखा फर्नीचर, वाशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी, अनाज, कपड़े, गहने आदि सामान जलकर गया।

सूचना पर सीएफओ की अगुवाई में टीम आग बुझाने में जुट गई। रुद्रपुर के अलावा पंतनगर, किच्छा, गदरपुर के अलावा तीन कंपनियों से दमकल वाहन मंगाए गए। शाम करीब सात बजे दमकल कर्मी आग बुझाने में सफल हो पाए इस दौरान एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, सीओ निहारिका तोमर के साथ ही भारी पुलिस बल तैनात रहा। स्क्रैप कारोबारियों ने आग से करोड़ों की क्षति का अंदेशा जताया है। इधर, गोदामों के आसपास करीब आधा दर्जन मकानों को खाली करा दिया गया। लोग घरों में रखा सामान निकालकर हाइवे किनारे लेकर पहुंच गए थे।

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आंखों के सामने आशियाने जले तो नहीं थमे आंसू
स्क्रैप के गोदामों की आग ने गीता के परिवार की उम्मीदों को भी जला दिया। मेहनत मजदूरी कर बिटिया की शादी के लिए जोड़ा सामान आग की भेंट चढ़ गया। बचे तो सिर्फ तन पर कपड़े। अपनी आंखों के सामने आशियाने को जलता देख गीता देवी के आंसू रोके न रुके। गीता की पड़ोस में रहने वाली जगिया भी अपने घर को आग से नहीं बचा सकीं। उनके घर में भी फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, अनाज, कपड़े, बिस्तर, फर्नीचर आदि जल गया।

शुक्रवार को अग्निकांड के दौरान गीता देवी अपने कच्चे टिनशेड के घर में अकेली थीं। उनके परिवार के अन्य लोग रिश्तेदार के यहां शादी में गए हुए थे। गोदामों में लगी आग फैलते-फैलते उनके घर तक जा पहुंची। जब तक वह कुछ समझ पाती और घर से सामान निकालती आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की चपेट में आकर घर का सारा सामान जल गया। गीता ने बताया कि उनकी 20 साल की बेटी है, जिसकी शादी होनी है। परिवार के लोग बिटिया का रिश्ता देख रहे हैं। मजदूर होने की वजह से वह बिटिया की शादी के लिए थोड़ा-थोड़ा घरेलू सामान खरीद रही थीं लेकिन उन्हें क्या पता था कि हाड़तोड़ मेहनत कर खरीदा बिटिया की शादी का सामान एक पल में आग की भेंट चढ़ जाएगा। बताया कि घर में रखा कोई भी सामान वह नहीं निकाल सकीं और बचे हैं तो सिर्फ तन पर कपड़े।

खौफ में सड़क पर आ रखा सामान
गोदामों की आग को देख आसपास के आधा दर्जन मकानों को लोगों ने खाली कर दिया। सामान निकालकर या तो सड़कों पर रखा या फिर अपने परिचितों के यहां जा पहुंचे। आग की वजह से अफरा तफरी का माहौल रहा। एनएच-74 हाइवे किनारे रहने वाले परिवार सड़क आ खड़े हुए। वहीं, कई दुकानदार भी अपनी दुकानों को बंद कर बाहर निकल आए।

रुद्रपुर और किच्छा विधायक भी मौके पर पहुंचे
अग्निकांड की सूचना मिलने पर विधायक शिव अरोरा और किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ भी घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आग की चपेट में आए दो घरों के पीड़ित परिवारों से वार्ता की। विधायक शिव अरोरा ने गीता देवी और जगिया को शासन से आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अस्पताल और बस्तियों के आसपास कबाड़ के गोदाम होना स्थानीय लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है।

गाबा ने पीड़िता को दिया पर्स
आग में सब कुछ गवां चुकी गीता देवी को बदहवास देख समाजसेवी सुशील गाबा ने अपना भरा पर्स महिला को दे दिया। उन्होंने महिला को बिटिया की शादी में भी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। वहीं, जगिया देवी भी रात का खाना तक न होने की बात कहते हुए बिलख पड़ी। वहां मौजूद जितेंद्र संधू से एक हजार रुपये उधार लेकर जगिया को दिए। उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है।

गोदाम से सटी फैक्टरी बाल-बाल बची
स्क्रैप के गोदामों में आग लगी तो पास की ही कालू जैन की फैक्टरी तक पहुंच गई लेकिन दीवारें होने की वजह से आग फैक्टरी के भीतर नहीं पहुंची। इससे फैक्टरी बाल-बाल बच गई। दमकलकर्मियों ने फैक्टरी के छज्जे पर खड़े होकर आग पर काबू किया।

आबादी के बीच से गोदाम हटाने की मांग
किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि आग लगने का जिम्मेदार प्रशासन है। आबादी के बीच से कबाड़ के गोदाम तत्काल हटाए जाएं। पहले भी आग की दो घटनाएं पहले भी हो चुकी है लेकिन प्रशासन की लापरवाही से कबाड़ के गोदाम नहीं हटाए गए और बड़ी घटना घट गई। बगवाड़ा निवासी किसान विक्रमजीत सिंह ने बताया कि इससे पहले भी दो बार आग लग चुकी है। विक्रमजीत सिंह ने बताया कि दिन में आग की घटना होने की वजह से जनहानि नहीं हुई। अगर यही घटना में रात में होती तो लोग घरों सोए होते। भारी जानमाल की हानि होती। उन्होंने गोदामों को आबादी के बीच से हटाने की मांग की।

मदद के लिए दौड़ पड़े बिगवाड़ा के लोग
स्क्रैप के गोदाम से आग की लपटें उठती देख आसपास के लोगों के साथ ही बिगवाड़ा से बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए पहुंच गए। उन्होंने आग बुझाने में दमकलकिर्मियों का सहयोग किया। जिसे आग बुझाने के लिए जो हाथ में मिला उससे आग बुझाने में जुट गया। कुछ लोगों ने बाल्टियों से आग बुझाई तो कुछ लोग दमकलर्मियों का पाइप पकड़कर मदद में जुटे रहे। इधर आग के चलते किच्छा हाइवे पर भी अफरातफरी रही और कई बार यातायात बाधित हुआ। जाम खुलवाने में पुलिस और परिवहन विभाग के कर्मचारी तैनात रहे।

दमघोटू धुएं से लोगों को हुई दिक्कतें
स्क्रैप गोदाम में रखे प्लास्टिक और अन्य सामान जलने से वहां दमघोटू धुआं निकल रहा था। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। काले धुएं से लोगों की आंखों में जलन भी थी। आग बुझाने में जुटे कईं लोगों को मुंह पर कपड़ा बांधना पड़ा।

चार घंटे में आग को नियंत्रित कर लिया गया है। विभाग की चार गाड़ियों के साथ ही बजाज, महिंद्रा और टाटा कंपनी से वाहन मंगाए गए थे। मेडिसिटी अस्पताल से आग बुझाने में भरपूर पानी उपलब्ध हो गया था। आग से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। पूर्व में भी कबाड़ का कार्य करने वालों को फायर उपकरण नहीं लगाने पर नोटिस दिए गए थे।
– ईशान कटारिया, सीएफओ।

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