यूसीसी एक्ट की नियमावली का बनेगा ड्राफ्ट, कमेटी गठित

यूसीसी एक्ट की नियमावली का बनेगा ड्राफ्ट, कमेटी गठित

समान नागरिक संहिता का विधेयक एक्ट बनने के बाद सफलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने नियमावली ड्राफ्ट बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें चार पदेन सदस्य हैं। समिति यूसीसी की कई प्रक्रियाओं, सक्षम स्तर के प्राधिकारियों एवं प्रस्तावित अधिनियम के प्रावधानों को सुगमता से लागू करने के लिए तथ्यों का समावेश करेगी। विशेष सचिव गृह रिधिम अग्रवाल ने समिति के गठन के आदेश जारी किए। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, एक्ट बनने के बाद यूसीसी को प्रदेश में जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। जब तक विधेयक मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरेगा, उस अवधि तक सरकार इसकी नियमावली भी तैयार कर लेना चाहती है। नियमावली का ड्राफ्ट मिलने के बाद सरकार को यूसीसी एक्ट लागू करने में आसानी होगी।

ये है नौ सदस्यीय समिति

पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह नौ सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। समिति में अपर सचिव न्याय सुधीर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण बरिंदरजीत सिंह, दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ सदस्य हैं। इनके अलावा अपर सचिव कार्मिक, अपर सचिव पंचायती राज, अपर सचिव, शहरी विकास और अपर सचिव वित्त समिति में पदेन सदस्य बनाए गए हैं।

विधेयक पर राष्ट्रपति देंगे मंजूरी

समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड 2004 विधेयक विधानसभा से पारित हो चुका है। विधेयक राजभवन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन जाएगा।

अधिनियम और नियमावली में क्या है अंतर

विधानसभा से पारित विधेयक (अधिनियम) जरूरी नहीं कि अपने आप में एक पूर्ण संहिता हो, इसलिए अधिनियम के लागू करने की प्रक्रियाओं को परिभाषित करने के लिए नियम बनाने की आवश्यकता होती है। नियम प्रक्रियात्मक कानून प्रदान करते हैं। नियम आवश्यक हैं, क्योंकि कानून के लिए प्रत्येक विवरण को एक ही अधिनियम में शामिल करना बहुत जटिल है, जिससे यह लंबा हो जाता है, इसलिए अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन में नियमों का एक अलग सेट बनाया जाता है।

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