आईएनएस विक्रांत के समुद्री परीक्षण का चौथा चरण सफल, अगस्त में मिलेगा देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर

आईएनएस विक्रांत के समुद्री परीक्षण का चौथा चरण सफल, अगस्त में मिलेगा देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर

नौसेना ने बताया कि एयरक्राफ्ट कैरियर की डिलीवरी को इस महीने के अंत के लिए लक्षित किया जा रहा है, इसके बाद अगस्त 2022 में आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में इसकी कमीशनिंग की जाएगी।

स्वदेशी एयक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के चौथे चरण का समुद्री परीक्षण आज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस दौरान ऑन बोर्ड एविएशन फैसिलिटी सहित सभी इक्विपमेंट को विभिन्न परिस्थितियों और चुनौतियों के मुताबिक परखा गया। भारतीय नौसेना ने यह जानकारी दी।

नौसेना ने बताया कि एयरक्राफ्ट कैरियर की डिलीवरी को इस महीने के अंत के लिए लक्षित किया जा रहा है, इसके बाद अगस्त 2022 में आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में इसकी कमीशनिंग की जाएगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में डिजाइन और निर्मित हुए एयरक्राफ्ट कैरियर को भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने मिलकर पूरा किया है। एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को बनाने में कोचिन सिपयार्ड लिमिटेड के 2000 कर्मचारियों को मौका मिला और इससे जुड़ी हुई अलग-अलग कंपनियों के 12,000 प्रोफेशनल को काम मिला। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इन इंडिया का उदाहरण माना जा रहा है।

एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत के पहले समुद्री परीक्षण अगस्त 2021 में सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2021 में दूसरे और जनवरी 2022 में तीसरे समुद्री परीक्षण भी पूरे कर लिए गए थे। विक्रांत के शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा।

एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत में 14 डेक यानी 14 मंजिलें हैं। इसका वजन 40000 टन है और इस पर 30 से 40 एयरक्राफ्ट को प्लेस किया जा सकता है। इसकी लंबाई की बात करें तो यह 262 मीटर लंबा है और 59 मीटर ऊंचा है।

विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे। फिलहाल भारतीय नौसेना के पास आईएनएस विक्रमादित्य मौजूद है जो देश का इकलौता एयरक्राफ्ट कैरियर है।

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