गैरसैंण पहुंचीं विधानसभा अध्यक्ष
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण मंगलवार को राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए भराड़ीसैंण(गैरसैंण) विधानसभा भवन पहुंचीं। इस मौके पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल एवं स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
भराड़ीसैंण विधानसभा भवन पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष ने परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभा मंडप सहित भवन के विभिन्न कक्षों का मुआयना किया। उन्होंने अधिकारियों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए।
गैरसैंण में निर्मित भवनों का हो सालभर इस्तेमाल : ऋतु
विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का मानना है कि गैरसैंण में स्थित विधान सभा भवन में समय-समय पर प्रशिक्षण, कार्यशाला, सेमीनार और अन्य गतिविधियों का संचालन करना चाहिए। ताकि परिसंपत्ति का सही इस्तेमाल होने के साथ ही इसके अनुरक्षण के लिए धनराशि मिल जाए। साल भर यहां कुछ न कुछ गतिविधियां संचालित होने से क्षेत्र में संसाधनों का विकास भी होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में प्रतिभाग करने जा रही विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ देर श्रीनगर में विश्राम किया। यहां पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि गैरसैंण में धीरे-धीरे सुनियोजित ढंग से ढांचागत विकास होना चाहिए। वहां विधानसभा सत्र होने चाहिए। सरकारी विभाग हो या प्राइवेट संस्थान, उन्हें गैरसैंण में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इससे गैरसैंण मेें जो भवन बने हैं, उनका हम अच्छी तरह से इस्तेमाल कर पाएंगे।
खंडूड़ी ने कहा कि विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए विधानसभा सचिवालय पूरी तरह से तैयार है। चाहे वह गैरसैंण में हो या देहरादून में। गैरसैंण में स्थायी राजधानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सब होगा। व्यवस्थित ढंग से काम करने में समय लगता है। हर कोई चाहता है कि गैरसैंण का विकास हो। वहां सुविधाओं का विकास हो। वहां सत्र आयोजित हो। योजना बनाने में कुछ दिक्कतें होती है। वित्त संबंधी समस्या आती है लेकिन जनता की जो इच्छा है। सरकार उस पर काम कर रही है। विधायकों की ओर से देहरादून में ही शीतकालीन सत्र चलाए जाने के लिए पत्र लिखे जाने के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि यह उनकी सोच हो सकती है। यह निर्णय कैबिनेट में होता है।