दो दशक बाद राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क नए कॉरिडोर से गुजरी बाघिन
देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे पर उत्तराखंड में वन्यजीवों का सबसे बड़ा और पुराना चीला-मोतीचूर कॉरिडोर (गलियारा) करीब दो दशक बाद फिर से गुलजार होने लगा है। हाईवे पर फ्लाईओवर के नीचे इस कॉरिडोर से गुजरते हुए बाघ (टाइगर) कैमरा ट्रैप में कैद हुआ है। वन विभाग वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से इसे काफी अहम मान रहा है।
देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे और रेलवे ट्रैक के कारण राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में बंट गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि पार्क के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में वन्यजीवों की आवाजाही बंद हो गई। पार्क के पूर्वी हिस्से में जहां 34 बाघ हैं, वहीं पश्चिमी हिस्से में मात्र दो बाघिन अकेले रह गई थीं।
अब हाईवे पर बने फ्लाईओवरों ने इंसानों के सफर को आरामदायक बनाने के साथ-साथ चीला-मोतीचूर कॉरिडोर को फिर जिंदा कर दिया। इस कॉरिडोर के फिर से गुलजार होने से पूरे वन्यजीव पूरे पार्क में आसानी से आवाजाही कर सकेंगे। बता दें कि वाइल्ड लाइफ के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व देश का एकमात्र ऐसा टाइगर रिजर्व है, जो चारों ओर से आबादी से घिरा हुआ है।