राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी में मनाया गया गढ़भोज दिवस

राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी में मनाया गया गढ़भोज दिवस

राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) टिहरी गढ़वाल में दिनांक 07/10/2024 को महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ० प्रताप सिंह बिष्ट की अध्यक्षता एवं प्रभारी गृह विज्ञान विभाग डॉ० पूजा शैलानी के संचालन में गढ़भोज दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

गढ़भोज दिवस के सम्बन्ध में रसायन विज्ञान विभाग प्रभारी डॉ० दयाधर दीक्षित द्वारा परम्परागत भोजन एवं औषधीय अनाजों के उपयोग पर बल दिया गया। उनके सम्बोधन में पर्वतीय क्षेत्र के औषधीय अनाजों की प्रचुर मात्रा में मांग को देखते हुए अधिक से अधिक स्थानीय पैदावार को बढ़ावा देने को बात हुई। उदाहरण के रूप में उन्होने लाल चावल का विवरण दिया जिसकी पैदावार बढाने की आवश्यकता है। जन्तु विज्ञान विभाग प्रभारी डॉ० विनोद कुमार रावत ने स्थानीय औषधीय अनाजों के वानस्पतिक नाम, गुणवत्ता, रसायनिक एवं भौतिक लक्षणों का ज़िक्र किया व स्थानीय अनाजों के लुप्त होने पर चिन्ता व्यक्त की। भूगोल विभाग के डॉ० गुरुप्रसाद थपलियाल ने उन परम्परागत औषधीय फसलों के प्रति अपना विचार रखा जो वर्तमान युवक एवं युवतियाँ भूल चुके हैं। सभी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ० थपलियाल ने आधुनिक फास्ट फूड को छोडकर स्थानीय औषधीय भोजन का लाभ उठाने हेतु छात्र छात्राओं को प्रेरित किया।

उपस्थित प्राध्यापक / प्राध्यापिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को संयुक्त निदेशक महोदय के पत्रानुसार गढ़भोज दिवस को उत्सव के रूप में मनाते हुए कार्यक्रम संचालिका डॉ० पूजा शैलानी ने उत्तराखण्ड के परम्परागत पहाडी फसल एवं भोजन के बारे मे अवगत कराया और बताया कि किस तरह परम्परागत पहाडी फसल जो लुप्त हो रही है उन्हे उपयोग में लाकर बचाने की आवश्यकता है। विशेषकर मोटा अनाजों जैसे झंगोरा, मडूंवा, कौंणी, राई, बाजरा जौ आदि अनाजों के औषधीय गुणों को बताकर शूगर, ओवरवेट या किसी अन्य प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए कारगर होते हैं। कार्यक्रम के अन्त मे प्रभारी प्राचार्य डॉ० प्रतापसिह बिष्ट ने बारहनाजा औषधीय फसलों का सन्दर्भ देते हुए बताया कि विदेशो मे विशेषकर जापान में पर्वतीय क्षेत्रों के जैविक फसलो एवं बीजो की मांग बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित समस्त महाविद्यालय उपस्थित रहा।

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