अध्ययन के लिए दिल्ली से पहुंची वैज्ञानिकों की टीम

अध्ययन के लिए दिल्ली से पहुंची वैज्ञानिकों की टीम

भू धंसाव का पता लगाने के लिए सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय की टीम जोशीमठ रवाना होगी। रविवार देर शाम यह टीम देहरादून पहुंच गई, जिसमें जल शक्ति मंत्रालय के अलावा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल हैं।

दो दिन पहले जल शक्ति मंत्रालय ने जोशीमठ भू धंसाव और इसके प्रभाव का तेजी से अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधि, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के वैज्ञानिक, केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी, भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।

समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणाली पर जमीन धंसने के प्रभावों का पता लगाएगी। सोमवार को सुबह यह टीम जोशीमठ के लिए रवाना हो जाएगी।
केंद्र से मदद का रास्ता देखेगी एनडीएमए की टीम
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के चार अधिकारी सोमवार को देहरादून पहुंचेंगे। यह अधिकारी आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि बैठक में यह तय होगा कि केंद्र किस तरह से जोशीमठ भू धंसाव में सहयोग करेगा।

सीबीआरआई की टीम सीएम के सामने देगी प्रस्तुतिकरण
जोशीमठ में रेट्रोफिटिंग को लेकर सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) की टीम सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगी। यहां के वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में रेट्रोफीटिंग के रास्ते सुझाएगी।

ग्राउंड जीरो पर पहुंचे सीएस 
वहीं, आज जोशीमठ के भू धंसाव क्षेत्रों की भयावह तस्वीर देखने के बाद मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधु ने प्रभावितों से कहा कि वे किसी भी दशा में कोई जोखिम न लें। ऐसी स्थिति में कभी भी ज्यादा नुकसान हो सकता है। मुख्य सचिव के साथ सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम भी वहां पहुंचे थे। उन्हें गढ़वाल आयुक्त के साथ जोशीमठ में कैंप करने को कहा गया है। सुंदरम ने रविवार से वहां कैंप करना शुरू कर दिया है।

क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया 
इस दौरान मुख्य सचिव ने जोशीमठ पहुंचकर भू-धंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और जर्जर भवनों का देखा। उनके साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार व जिलाधिकारी हिमांशु खुराना भी थे। वह मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और वहां के हाल देखे। मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भू धंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है। इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में ताजा जानकारी दी।

नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम  
सीएस ने कहा कि तात्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क न ले। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें।

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