आठ महीने के बच्चे के अपहरण की घटना से पुलिस ने पर्दा उठाया

आठ महीने के बच्चे के अपहरण की घटना से पुलिस ने पर्दा उठाया

ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के कड़च्छ मोहल्ले से आठ महीने के बच्चे के अपहरण की घटना से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए इस में मामले में शामिल बच्चे खरीदने वाले कपड़ा व्यापारी और उसकी पत्नी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

मासूम का अपहरण पड़ोसी महिलाओं ने मिलकर किया था। इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने कपड़ा व्यापारी से ढाई लाख रुपये में सौदा तय करके बच्चा उसे सौंप दिया था। खुलासा करने वाली टीम की डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल और एसएसपी अजय सिंह ने पीठ थपथपाई है।

रविवार की देर शाम रोशनाबाद स्थित एसएसपी कार्यालय में अपहरण की घटना का खुलासा करते हुए डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल ने बताया कि शनिवार को रविंद्र निवासी कड़च्छ ज्वालापुर के आठ महीने के बेटे शिवांग का अपहरण कर लिया गया था। शिवांग का जब अपहरण हुआ तो वह सो रहा था और उसकी मां राखी कपड़े सुखाने के लिए छत पर गई थी।

डीआईजी गढ़वाल ने बताया कि अपहरण का मुकदमा दर्ज कर तत्काल पुलिस और एसओजी की टीमें खोजबीन में लगा दी गई थीं। संदिग्ध मोबाइल फोन नंबरों को ट्रेस करते हुए खोजबीन शुरू की गई। रविवार को भारत माता मंदिर के पास एक मोबाइल फोन नंबर की लोकेशन मिलने पर घेराबंदी कर आशा कार्यकर्ता रूबी निवासी गागलहेड़ी सहारनपुर उत्तर प्रदेश हाल पता सीतापुर, कड़च्छ मोहल्ला निवासी आशा जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और श्यामपुर कांगड़ी निवासी कपड़ा व्यापारी संजय को दबोचा।

इन लोगों से बच्चा बरामद किया गया। इनसे पूछताछ के बाद अपहरण मामले में शामिल किरन, अनिता, सुषमा निवासीगण मोहल्ला कड़च्छ और कपड़ा कारोबारी संजय की पत्नी पारुल को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि किरन, सुषमा और अनिता ने मिलकर बच्चे का अपहरण किया था। उन्होंने बताया कि रविंद्र के घर के बराबर में रहने वाली किरन ही मौका पाकर सोते बच्चे को उठाकर लाई थी। उसने दूसरी गली में रहने वाली सुषमा को बच्चा सौंप दिया, सुषमा ने पड़ोस में रहने वाली अनीता को दिया। अनीता बच्चे को लेकर आशा कार्यकर्ता रूबी के हवाले किया। रूबी और आशा ने शनिवार को ही बहादराबाद क्षेत्र में जाकर कपड़ा व्यापारी संजय को बच्चा सौंप दिया। संजय ने 50 हजार रुपये नकद दिए और दो लाख रुपये बाद में देने का वादा किया। इसके बाद संजय बच्चे को अपनी पत्नी के पास ले गया।

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