कैंप के पहले ही दिन बड़ी संख्या में लोगों के जमा नहीं हुए टैक्स, जानिए कारण
देहरादून। अगर आप नगर निगम की ओर से वार्डों में लग रहे कैंप में हाउस टैक्स जमा कराने पहुंच रहे हैं तो पुरानी रसीद जरूर साथ ले जाएं। पुरानी रसीद न होने पर आपका टैक्स जमा नहीं होगा। कैंप के पहले ही दिन मोहितनगर में बड़ी संख्या में लोगों के टैक्स इसी के चलते जमा नहीं हुए। निगम कैंप में महज ढाई लाख रुपये टैक्स वसूल पाया। आज वार्ड-दो सहस्रधारा रोड स्थित सामुदायिक भवन राजेश्वरनगर फेज-एक में कैंप लगाया गया है।
हाउस टैक्स की वसूली में तेजी लाने व आमजन को सहूलियत देने के लिए निगम की ओर से वार्डों में हाउस टैक्स के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। निगम कर अनुभाग ने सोमवार को इसका शेड्यूल जारी किया था। इसी क्रम में मोहितनगर में कैंप लगाया है।
निगम अफसरों ने यह साफ कर दिया था कि कैंप में पिछले वर्ष की भुगतान रसीद लानी अनिवार्य है, मगर दर्जनों लोग रसीद साथ लाए ही नहीं। इन लोगों का कहना था कि रसीद खो गई या खराब हो गई। निगम की ओर से इस बार कैंप में कंप्यूटराइज रसीद उपलब्ध कराई जा रही है। कैंप व दफ्तर में मंगलवार को निगम ने कुल 23 लाख रुपये टैक्स वसूल किया।
भवन कर अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली ने बताया कि दफ्तर में साढ़े 20 लाख का भवन कर भवन स्वामियों द्वारा जमा कराया गया। मोहितनगर में सुबह 11 बजे से दिन के तीन बजे तक लगे कैंप में 100 लोगों ने भवन कर जमा कराया है। कैंप में लोगों को 20 फीसद की छूट दी गई।
स्वयं सहायता समूहों को बांटे चेक
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर निगम में महापौर सुनील उनियाल गामा ने शहर के 36 स्वयं सहायता समूहों को चेक वितरित किए।
महापौर ने कहा कि महिलाओं को रोजगार के जरिए सुदृढ़ बनाने में निगम की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा। मिशन के तहत शहरी समृद्धि उत्सव पखवाड़े के दौरान आयोजित चेक वितरण समारोह में महापौर ने क्षेत्र स्तरीय संघ श्रेष्ठा स्वायत्त सहकारिता को 50 हजार रुपये का चेक दिया, जबकि 35 स्वयं सहायता समूहों को 10-10 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए। इस दौरान अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी, विजयपाल सिंह नेगी, सहायक नगर आयुक्त रविंद्र कुमार दयाल आदि मौजूद रहे।
फूड लाइसेंस निरस्त न होने पर नाराजगी
पटेलनगर में आदर्श मंदिर के पास मीट की दुकानों के फूड लाइसेंस निरस्त न होने पर महापौर गामा ने नाराजगी जताई है। इन दुकानों के संचालन के लाइसेंस निगम की ओर से काफी पहले निरस्त किए जा चुके हैं और निगम ने फूड डिपार्टमेंट को इनके फूड लाइसेंस निरस्त करने के लिए नोटिस भेजा था। इसके बावजूद लाइसेंस निरस्त नहीं किए गए और दुकानों बेखौफ चलाई जा रहीं।