क्या आप जानते है जब मैच अपने चरम पर होता है तो कई सारे टोटके क्रिकेट प्रेमी आजमाते हैं इसी मुद्दे पर बनी है द जोया फैक्टर
कहते हैं भारत में सिर्फ दो ही धर्म है क्रिकेट और बॉलीवुड और इसीलिए क्रिकेट पर आधारित ‘लगान’, ‘कई पो चे’, ‘इकबाल’ और ‘दिल बोले हडिप्पा’ जैसी कई सारी फिल्में बॉलीवुड में बनी हैं। अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं तो आप यह भी जानते होंगे जब मैच अपने चरम पर होता है तो कई सारे टोटके क्रिकेट प्रेमी आजमाते हैं, और इसी मुद्दे पर बनी है निर्देशक अभिषेक शर्मा की फिल्म द जोया फैक्टर!
यह कहानी है दिल्ली में रहने वाली जोया सोलंकी की जो अपने पिता और भाई के साथ रहती है और दोनों ही क्रिकेट के बेइंतहा दीवाने हैं! जोया का जन्म 25 जून 1983 को हुआ था जब इंडिया ने अपना वर्ल्ड कप कपिल देव की कप्तानी में जीता था। उसके पिता का मानना है की जोया ‘क्रिकेट’ के लिए लकी है| एक एडवरटाइजिंग कंपनी में जूनियर कॉपीराइटर है और उसे अपने असाइनमेंट के भारतीय क्रिकेट टीम के पास जाना पड़ता है जहां पर यह बात वह बताती है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए लकी है उसके पिता का मानना है।
लगातार हार रही भारतीय क्रिकेट टीम उस दिन जीत हासिल करती है, और पूरी टीम का मानना यह होता है उस दिन की जीत जोया की के कारण हुई है मगर कप्तान निखिल खोड़ा( दुलकर सलमान) कहते हैं कि यह सब फालतू बातें हैं और खेल सिर्फ मेहनत के साथ जीते जा सकते हैं। मगर भारतीय टीम के दूसरे सदस्यों ने जॉया को लकी चार्म मान लिया है। अब इन परिस्थितियों में आगे क्या होगा इसी ताने-बाने पर बुनी गई है फिल्म द जोया फैक्टर।
निर्देशक अभिषेक शर्मा इस फिल्म में ग्रामेटिकली करेक्ट फिल्म बनाते हैं! बहुत ही हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म बनाने मैं कामयाबी भी हासिल करते हैं! मगर फिल्म कुछ कहती नहीं है! मगर निश्चित ही यह हल्की-फुल्की मनोरंजन है।
अभिनय की अगर बात करें तो सोनम कपूर और दुलकर सलमान दोनों की ही केमिस्ट्री काफी अच्छी है दोनों ही अपने किरदारों के साथ पूरी तरह से न्याय करते नजर आते हैं! अंगद बेदी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं! एक लंबे समय के बाद सिकंदर खेर अपने सहज अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं! वहीं संजय कपूर उनका भरपूर साथ देते हैं!
फिल्म का लेखन काफी रोचक है जिस तरह से अभिषेक ने स्क्रिप्ट को लिखा है पूरी फिल्म आपको गुदगुदाती रहती है। खासतौर पर कॉमेंटेटर के संवादों में दर्शकों को एक अलग तरह की लिखावट आकर्षित करती है। कुल मिलाकर जोया फैक्टर कोई महान फिल्म तो नहीं मगर एक हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म जरूर है जिसे आप एक बार देख सकते हैं।