गर्भवती महिलाओं को बर्थ वेटिंग होम में मिलेगी निशुल्क ठहरने की सुविधा
पर्वतीय क्षेत्रों से प्रसव के लिए मैदानी क्षेत्रों के अस्पतालों में आने वाली गर्भवती महिलाओं को अब बर्थ वेटिंग होम (जन्म प्रतीक्षा गृह) में निशुल्क ठहरने की सुविधा मिलेगी। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल की है। इसकी शुरुआत देहरादून व हरिद्वार जिले से की जाएगी, जिसमें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विभाग के कामकाजी महिला हॉस्टल और वूमेन वन स्टॉप सेंटर को जन्म प्रतीक्षा गृह के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
बुधवार को सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य व एनएचएम के मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 34वीं कार्यकारिणी की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सचिव ने बताया कि बर्थ वेटिंग होम में गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले ठहरने और खानपान की निशुल्क सुविधा होगी।
कई बार गर्भवती महिला को संभावित तिथि से पहले प्रसव और अन्य गंभीर दिक्कतें आ जाती हैं। पर्वतीय क्षेत्रों से गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए देहरादून व हरिद्वार जैसे शहरों में आती हैं। लेकिन ठहरने की व्यवस्था न होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बैठक में अपर सचिव अमनदीप कौर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना, महिला एवं बाल विकास के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी मोहित चौधरी, वित्त नियंत्रक खजान चंद्र पांडे वित्त नियंत्रक एनएचएम, डॉ. यूएस कंडवाल, डॉ. अजय कुमार नगरकर, कविता कौशल आदि मौजूद थे।