दागी आरएमएस कंपनी ने ही कराई थी विधानसभा 32 पदों के लिए भर्ती परीक्षा,

दागी आरएमएस कंपनी ने ही कराई थी विधानसभा 32 पदों के लिए भर्ती परीक्षा,

वर्ष 2021 में विधानसभा में 32 पदों की भर्ती के लिए आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन का चयन किया गया, लेकिन चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई। भर्ती परीक्षा का जिम्मा आरएमएस कंपनी को सौंपा था।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में दागी आरएमएस कंपनी ने ही विधानसभा भर्ती परीक्षा कराई थी। 32 पदों के लिए इसी साल मार्च में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि आरक्षण संबंधित याचिका पर हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर दी है।

वर्ष 2021 में विधानसभा में 32 पदों की भर्ती के लिए आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन का चयन किया गया, लेकिन चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई। भर्ती परीक्षा का जिम्मा आरएमएस कंपनी को सौंपा। एक अक्तूबर 2021 को 32 पदों के लिए आवेदन मांगे गए।

30 अक्तूबर आवेदन की अंतिम तिथि तय की गई थी, जिसमें रिपोर्टर, एडशिनल प्राइवेट सेक्रेटरी, रिव्यू आफिसर, एडमिनिस्ट्रेटर, अकाउंटेंट पद के लिए सैकड़ों युवाओं ने आवेदन किया। 20 मार्च 2022 को  इन पदों के लिए लिखित परीक्षा कराई गई। इसी बीच भर्ती में आरक्षण रोस्टर निर्धारित न करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित करने के आदेश दिए, जिससे इन पदों का परिणाम घोषित नहीं हुआ है।

सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की जांच के दौरान 32 पदों की भर्ती के लिए आरएमएस कंपनी का चयन करने का मामला सामने आया है। कंपनी के चयन में नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती परीक्षा कराने के लिए कंपनी को विधानसभा से भुगतान भी किया जा चुका है। विशेषज्ञ समिति ने फाइलों व पत्रावलियों की जांच के दौरान आरएसएम कंपनी चयन में गड़बड़ी पाई है।

 

विधानसभा सचिव को भेजा है अवकाश पर

विधानसभा अध्यक्ष ने तीन सितंबर को भर्तियों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने के साथ ही सचिव मुकेश सिंघल को अग्रिम आदेशों तक अवकाश पर भेजा है। इसके साथ ही सचिव के कार्यालय को सील कर दिया गया है। भर्तियों की जांच कर रही समिति ने एक बार सचिव को बुलाया भी है।

दागी कंपनी की प्रेस में छपा था भर्ती का प्रश्नपत्र

वीडीओ भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में भी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं। एसटीएफ के अनुसार, इस परीक्षा का प्रश्नपत्र भी इसी कंपनी के प्रिंटिंग प्रेस में छपा था। ओएमआर शीट भी कंपनी के कर्मियों ने ही दलालों को मुहैया कराई थीं। इसमें छेड़छाड़ की पुष्टि भी विजिलेंस ने फोरेंसिक लैब से करा ली थी, मगर अब एसटीएफ ने जांच के बाद गिरफ्तारियों का दौर शुरू कर दिया है।

कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों को मुकदमे में भी नामजद किया जा सकता है। दो दिन पहले कंपनी के मालिक राजेश चौहान के एक दोस्त को एसटीएफ गिरफ्तार भी कर चुकी है, जिसने कई नामों का खुलासा किया है। परीक्षा में ऊधमसिंह नगर जिले के एक गांव के ही 45 युवा पास हुए थे। इसके बाद ही यह मामला पकड़ में आया था।

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