नंधौर इको-सेंसिटिव जोन में खनन की अनुमति नहीं
चंपावत वन प्रभाग की शारदा नदी के अपस्ट्रीम और हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत नंधौर नदी के ईको-सेंसिटिव जोन में खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। एनजीटी की ओर से गठित संयुक्त समिति ने निरीक्षण के बाद इस बात की सिफारिश की है।
संयुक्त समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सचिव, औद्योगिक विकास (खनन) राज्य सरकार ने नंधौर नदी के अपस्ट्रीम में खनन की अनुमति दी थी, हालांकि अभी खनन शुरू नहीं हुआ है। यह इलाका जैव विविधता से समृद्ध है और नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के ईको-सेंसिटिव जोन में आता है। इसलिए खनन गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए विधिवत उपाय किये जा सकते हैं। एनजीटी का कहना है कि शारदा बैराज के अपस्ट्रीम में भी खनन कार्य नहीं किया जा सकता है।
हरिद्वार की हरिपुर कलां निवासी 14 वर्षीय रिद्धिमा पांडे ने 9 अप्रैल को एनजीटी में शिकायत कर कहा था कि प्रदेश सरकार ने आपदा की आड़ में नंधौर वन्यजीव अभयारण्य हल्द्वानी वन प्रभाग के ईको-सेंसिटिव जोन में खनन की अनुमति दी है। वहीं चंपावत वन प्रभाग की शारदा नदी के आरक्षित वन क्षेत्र में भी अवैध खनन की स्वीकृति दी गई है जबकि यह क्षेत्र टाइगर और हाथियों का मुख्य वासस्थल है।