श्रद्धालुओं के लिए खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट, मेला भी हुआ शुरू

श्रद्धालुओं के लिए खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट, मेला भी हुआ शुरू


आदिबदरी मंदिर के कपाट पौष माह में बंद रहने के बाद रविवार को मंत्रोच्चार के साथ सुबह पांच बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ एक सप्ताह का आदिबदरीनाथ का महाभिषेक समारोह, शीतकालीन पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला भी शुरू हो गया।

रविवार को सबसे पहले पुजारी चक्रधर थपलियाल ने सर्वप्रथम आदिबदरीनाथ जी को सप्तशिंधु के जल से स्नान कराया। फिर उनका क्रीट, मुकुट, छत्र, पीत वस्त्र, फूलों के हार व रोली कुमकुम से श्रृंगार किया और इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए। उसके बाद भगवान को फल-फूल, दूध, घृत का भोग लगाया व पंचज्वाला आरती उतारी।


गढ़वाल राइफल कीर्तन मंडप में जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी ने मेले का उद् घाटन किया। उन्होंने समिति को विधायक अनिल नौटियाल के निर्देश पर डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की। महाभिषेक समारोह में एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा पुराण के प्रथम दिन कथा वाचक आचार्य रोहित मैखुरी ने श्रीमद्भागवत कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मुकेश नेगी, भुवनेश्वरी आश्रम के परियोजना प्रबंधक गिरीश डिमरी, अध्यक्ष जगदीश बहुगुणा, महासचिव हिमेंद्र कुंवर, नंदा पंवार, राजेंद्र सगोई, विजय चमोला, बीरेंद्र भंडारी आदि मौजूद थे।

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