हरक सिंह रावत चुनाव लड़ने में इच्छुक नहीं, गांव में बसना चाहते है

हरक सिंह रावत चुनाव लड़ने में इच्छुक नहीं, गांव में बसना चाहते है

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते। उनकी इच्छा है कि गांव में बसकर स्वरोजगार करें। उन्होंने कहा कि ‘मैं अस्सी के दशक से चुनाव लड़ रहा हूं, अब लड़ने का मूड नहीं है।’ लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों पर भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह को देते हुए हरक ने कहा कि ‘श्रेय को लेकर किसी और को कोई भ्रम नहीं पालना चाहिए।’ बोले, प्रदेश सरकार की असली परीक्षा विधानसभा चुनाव 2022 में होगी।

रविवार को बदरीनाथ धाम से दर्शनों के बाद वापसी में रुद्रप्रयाग में मीडिया से बातचीत ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने कहा कि उनका वर्ष 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने का मूड नहीं हैं। कहा कि ‘बार-बार विधायक व मंत्री बनने से अब इच्छा मर चुकी है।’ अभी तक मुख्यमंत्री न बनने के सवाल पर हरक ने कहा कि ‘यह तो किस्मत की बात हैं, यह मेरे हाथ में नहीं है।’ कहा आज भाजपा में कुछ ही लोग उनसे वरिष्ठ हैं।

पलायन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पलायन की सबसे ज्यादा मार पौड़ी जिले पर है। कहा कि पलायन पर अंकुश के लिए वह अपने गांव में होम स्टे योजना, फूल और चाय की खेती को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी कड़ी में वह गांव में बसकर स्वरोजगार अपनाना चाहते हैं ताकि प्रदेश में सकारात्मक संदेश जाए।
उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग के विधायक के तौर पर उन्होंने चिरबटिया में कृषि महाविद्यालय व दिगधार में सैनिक स्कूल खोलने की शुरुआत की थी, लेकिन अभी तक इनका निर्माण शुरू न हो पाने से दुखी हूं। कहा कि इसके लिए वह मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह तीन वर्ष बीतने के बाद भी नर्सिग कालेज शुरू नहीं हो सका। कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर हरक ने कहा कि अब ऐसी कोई योजना नहीं है। जब भाजपा में आए थे, ये उस वक्त के हालात थे, लेकिन बार-बार ऐसी परिस्थितियां नहीं बनतीं।

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