100 करोड़ के घोटाले में आलोक मेहता पर जांच का शिकंजा, ईडी की छापेमारी
बिहार में 100 करोड़ रुपये के बड़े बैंक घोटाले का मामला सामने आया है। यह घोटाला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक और पूर्व मंत्री आलोक मेहता से जुड़ा बताया जा रहा है। ईडी ने आज आलोक मेहता के 16 ठिकानों पर छापेमारी की, जिससे पुराने मामले फिर से चर्चा में आ गए हैं।
घोटाले का संबंध एक सहकारी बैंक से है, जो 35 वर्षों से संचालन में था। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जून 2023 में इस बैंक के वित्तीय कामकाज पर रोक लगाई थी। जांच में पता चला कि फर्जी कागजात के जरिए किसानों के नाम पर करोड़ों रुपये के लोन दिए गए। इसमें दो कंपनियों, लिच्छवि कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज, द्वारा बैंक से लगभग 60 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
इस घोटाले में आलोक मेहता और उनके परिवार की संलिप्तता का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि विधायक के बैंक के अध्यक्ष रहते ही इस घोटाले की शुरुआत हुई। उनके भतीजे ने भी इस घोटाले के पीछे आलोक मेहता का हाथ बताया है।
RBI की कार्रवाई और घोटाले के खुलासे के बाद, खाताधारकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पुलिस ने हाजीपुर नगर थाना में दो एफआईआर दर्ज की हैं। मामले में बैंक के सीईओ और मैनेजर फरार हैं। जांच एजेंसियां इस 100 करोड़ रुपये के घोटाले की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।