10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर का विमोचन, आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तराखंड को मिलेगी नई पहचान

10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर का विमोचन, आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तराखंड को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित होने वाली 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि 12 से 15 दिसंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद के विकास पर विचार-विमर्श होगा, जिससे इस क्षेत्र में नई संभावनाएं सामने आएंगी। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में कर्टेन रेजर और प्रोग्राम गाइड का विमोचन करते हुए इस आयोजन को “सर्वे सन्तु निरामयः” का संदेश फैलाने वाला बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राचीन काल से आयुर्वेद और प्रज्ञा की भूमि रही है। राज्य की जलवायु औषधीय पादपों के लिए अनुकूल है, और यहां के ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में विकास के कार्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं, जिनमें सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड का पहला स्थान प्राप्त करना शामिल है।

इस आयोजन में 58 देशों के 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि, देशभर के 6500 प्रतिनिधि और लगभग 2 लाख आगंतुक शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड को आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने में मदद करेगा। आयोजन में उत्तराखंड का पवेलियन राज्य के 8 विभागों के माध्यम से प्रदेश की विशेषताओं को प्रदर्शित करेगा।

उन्होंने राज्य में आयुष नीति और अन्य पहलों का जिक्र करते हुए बताया कि 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना पूरी हो चुकी है, और राज्य के 150 से अधिक आयुष चिकित्सालय NABH मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही, टेलीमेडिसिन, पंचकर्म और मर्म चिकित्सा जैसी सुविधाएं सभी आयुष अस्पतालों में उपलब्ध हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव रविनाथ रमन और आयुर्वेद कांग्रेस के ट्रस्टी रजनीश पौराणिक ने भी इस मौके पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन निदेशक आयुष विजय जोगदंडे ने किया।

Saurabh Negi

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