प्राथमिक स्तर के बाद अब उच्च शिक्षा में इसी महीने से लागू हो सकती है नई शिक्षा नीति
उत्तराखंड में प्राथमिक स्तर के बाद इसी माह 26 तारीख को उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उच्च शिक्षा में नई नीति की शुरुआत कराएंगे।
जुलाई 2022 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत बाल वाटिका शुरू की थी। इससे उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जिसने अपने यहां नई शिक्षा नीति सबसे पहले लागू की। इसके तहत प्राथमिक स्कूल परिसर में चल रही 4447 आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका के रूप में शुरू किया गया है। आगनबाड़ी केंद्रों में प्री प्राइमरी को बालवाटिका का नाम दिया गया है। इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। उस वक्त मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया था कि 2030 तक नई शिक्षा नीति को राज्य में पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि, राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई थी। उच्च शिक्षा मंत्री को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा कुमाऊं विवि के कुलपति एनके जोशी की अध्यक्षता में दून विवि, उत्तराखंड मुक्त विवि, श्रीदेव सुमन विवि एवं अल्मोड़ा विवि के कुलपतियों को सदस्य नामित कर पाठ्यक्रम निर्माण समिति गठित की गई थी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक छह महीने की मशक्कत के बाद उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के चलते वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया गया था, लेकिन अब इसे समाप्त कर सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय, तीन डीम्ड यूनिवर्सिटी, एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 12 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं।
विश्वविद्यालय 30 फीसदी पाठ्यक्रम में कर सकेंगे बदलाव
नई शिक्षा नीति के तहत जो पाठ्यक्रम तैयार किया गया है उसमें 70 फीसदी पाठ्यक्रम सभी विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू रहेगा, जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बदल सकेंगे। पाठ्यक्रम को रोजगारपरक भी बनाया गया है।