उत्तराखंड में कोरोना के 2105 मामले सामने आए, जिनमें 1388 मरीज स्वस्थ हो चुके

उत्तराखंड में कोरोना के 2105 मामले सामने आए, जिनमें 1388 मरीज स्वस्थ हो चुके

उत्तराखंड में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है, उसी तेजी से मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं। गुरुवार को भी 132 और मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से अपने घर चले गए। इसी के साथ प्रदेश में रिकवरी रेट भी 66 फीसद पर पहुंच गया है। बता दें कि प्रदेश में अब तक कोरोना के 2105 मामले आए हैं। जिनमें 1388 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश में 676 एक्टिव केस हैं। कोरोना संक्रमित 27 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव 14 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, ताजा मामले में 1489 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली। जिनमें 1409 की रिपोर्ट निगेटिव और 80 केस पॉजिटिव हैं। इनमें सर्वाधिक 28 मामले देहरादून जिले से हैं। इसके अलावा पौड़ी में भी 19 नए मामले आए हैं। जिनमें दो हरियाणा व छह दिल्ली से लौटे लोग हैं।

पांच पूर्व में कोरोना पॉजिटिव मिले लोगों के संपर्क में आए हैं। छह अन्य स्थानीय लोग हैं, जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। अल्मोड़ा में 13 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। यह सभी दिल्ली-एनसीआर से लौटे लोग हैं। नैनीताल में भी दिल्ली से लौटे छह लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। रुद्रप्रयाग में चार नए मामले आए हैं। जिनमें दो दिल्ली से लौटे लोग और दो पूर्व में संक्रमित मिले व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।

हरिद्वार में दिल्ली से लौटे पांच व चमोली में तीन लोग संक्रमित मिले हैं। उत्तरकाशी जनपद में महाराष्ट्र से लौटे एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, टिहरी जनपद में जिला सर्विलांस अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इधर, देहरादून जिले में 80, हरिद्वार में 15, रुद्रप्रयाग में 10, नैनीताल में नौ, टिहरी में आठ, बागेश्वर में सात और पौड़ी में तीन लोगों को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।

दून में 28 संक्रमित, 27 की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं

कहने को देहरादून प्रदेश की राजधानी है, पर सिस्टम का ढर्रा ऐसा कि किसी दुरुह क्षेत्र में भी नहीं होगा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश स्तर पर जारी हेल्थ बुलेटिन में 28 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी गई। पर एमकेपी रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग के अलावा बाकी 27 की जानकारी अधिकारी देर रात तक भी नहीं दे पाए। इसका बकायदा हेल्थ बुलेटिन में उल्लेख भी किया गया।

बताया गया कि आइडीएसपी ने मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। सवाल यह कि यह मरीज कहां-कहां से हैं और किस-किस के संपर्क में आए होंगे। इन्हें अस्पताल में कब भर्ती कराया जाएगा। क्योंकि सीएमओ कार्यालय ने तो इनकी जानकारी दे पाने में अमर्थता जाहिर की है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हर दिन करीब ढाई बजे हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाता है। इस बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को जनपद देहरादून में 28 नए मामले आए। पर इन मरीजों की क्या ट्रेवल हिस्ट्री है, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई।

इस विषय में सीएमओ डॉ. बीसी रमोला को फोन किया गया, तो उन्होंने कभी व्यस्तता का हवाला दिया और कभी कहा कि टीम डाटा संकलित कर रही है। रात को नौ बजे उन्होंने यह कहकर जानकारी देने से इनकार कर दिया कि यह निजता की श्रेणी में आता है।

उधर, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित का कहना था कि इस बावत पूरा सिस्टम बना हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद मरीजों को उनके पते पर ट्रेस किया जाता है। पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट कराया जाता है। कहा कि मरीजों का पता कंफर्म कराया जा रहा है। बहरहाल, महामारी के इस दौर में अधिकारियों का यह रवैया और रात तक भी मरीजों की जानकारी न होना इस बात की तस्दीक करता है कि सिस्टम किस संजीदगी से काम कर रहा है।

एम्स के नर्सिंग ऑफिसर सहित दो में कोरोना संक्रमण

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में एक और फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर में कोरोना संक्रमण मिला है। वहीं उत्तरप्रदेश निवासी एक व्यक्ति की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके दो अन्य परिजन भी पहले से ही कोविड संक्रमित हैं, जो एम्स में भर्ती हैं।

एम्स संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि गुरुवार को गली नंबर 12, गंगानगर, ऋषिकेश निवासी 25 वर्षीय युवक की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह युवक एम्स संस्थान में नर्सिंग ऑफिसर है, जो 10 जून तक कोविड आइसोलेशन वार्ड में तैनात थे।

इसके बाद से वह होम आइसोलेशन पर थे। बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत के साथ वह बीते बुधवार को एम्स ओपीडी में आए थे, जहां इनका कोविड सैंपल लिया गया था। नर्सिंग ऑफिसर को एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। दूसरा मामला गली नंबर-1, कासगंज, उत्तरप्रदेश का है। 23 वर्षीय युवक बीती 16 जून को एम्स ओपीडी में आया था। वह एक दिन पूर्व यानि 15 जून को कासगंज, यूपी से ऋषिकेश आया था व इसके बाद से सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश में क्वारंटाइन था। इस युवक की रिपोर्ट गुरुवार को कोविड पॉजिटिव आयी है। इस युवक की मां व भाई पहले ही कोविड संक्रमित हो चुके हैं, जिनका एम्स के कोविड वार्ड में उपचार चल रहा है।

तेलीवाला में सब्जी विक्रेता कोरोना संक्रमित 

डोईवाला के तेलीवाला में रहने वाले एक सब्जी विक्रेता में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर उसे दून हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार के आठ सदस्यों को होम क्वारंटाइन किया गया है। वहीं इलाके कंटेनमेंट जोन बनाने की तैयारी की जा रही है।

डोईवाला अस्पताल अधीक्षक डॉ. केएस भंडारी ने बताया कि तेलीवाला निवासी इस सब्जी विक्रेता का सैंपल 13 जून को लिया गया था। बुधवार रात को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई । दुकानदार जांच के बाद से घर पर ही होम क्वारंटाइन था। सब्जी विक्रेता के आठ स्वजनों को होम क्वारंटाइन किया गया है। उप जिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान ने बताया कि मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विजय पीएस चौहान ने बताया कि तेलीवाला आसपास इलाके को सेनिटाइज किया जा रहा है।

अल्मोड़ा में भी कोरोना संक्रमितों का सैकड़ा

एक समय कोरोना मुक्त हो चुके अल्मोड़ा में अब मरीजों का सैकड़ा पूरा हो चुका है। टिहरी के बाद यह दूसरा ऐसा पर्वतीय जिला है, जहां सौ या उससे ज्यादा कोरोना के मरीज आए हैं। बीती छह अप्रैल को रानीखेत (अल्मोड़ा) में कोरोना का पहला मामला आया था। इस मरीज के ठीक होने के बाद 37 दिन तक अल्मोड़ा में कोरोना का कोई मामला नहीं आया।

लॉकडाउन 3.0 में मिली छूट के कारण प्रवासियों की आमद बढ़ी तो अल्मोड़ा भी फिर से इस बीमारी की जद में आ गया। 13 मई को यहां फिर कोरोना की वापसी हुई। पिछले 35 दिन में यहां मरीजों की संख्या 112 पहुंच गई है। राहत की बात यह है कि अल्मोड़ा में रिकवरी रेट 65 फीसद और टिहरी में 80 फीसद है।

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