611 स्कूलों में पानी की कमी, 10 हजार करोड़ का बजट फिर भी छात्र तरस रहे पानी के लिए

उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में पीने के पानी की गंभीर समस्या के बावजूद 10 हजार करोड़ से अधिक का बजट होने के बावजूद, 611 स्कूलों में छात्रों को पीने का पानी मयस्सर नहीं हो रहा है। यह जानकारी मानवाधिकार आयोग के समक्ष पेश की गई एक जनहित याचिका से सामने आई है। इस जनहित याचिका में दावा किया गया कि 611 सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था की घोर कमी है। छात्रों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था न होने के कारण पढ़ाई में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। आयोग ने इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा है और उत्तराखंड के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।

शिक्षा विभाग का दावा था कि स्कूलों में हर सुविधा मौजूद है, लेकिन 611 स्कूलों में पेयजल के अभाव ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 10 हजार करोड़ के बजट के बावजूद यह समस्या सालों से बनी हुई है, जिससे छात्रों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर राज्य के कई जिलों से शिकायतें आ रही हैं, जहां स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है।

जनहित याचिका में उठाए गए बिंदु

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन अब तक उनका क्रियान्वयन पूरी तरह से नहीं हो पाया है। रिपोर्ट के अनुसार, 611 स्कूलों में पानी की व्यवस्था के लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।

फोकस कीवर्ड:

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मेटा डिस्क्रिप्शन: उत्तराखंड के 611 स्कूलों में पीने के पानी की कमी के कारण हजारों छात्र प्रभावित। बजट होने के बावजूद समस्या जारी, मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका।

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