उत्तरकाशी हिमस्खलन : दबे 58 पर्वतारोही, चार के शव बरामद, 28 लापता
उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(निम) में 44 प्रशिक्षुओं, 8 प्रशिक्षकों सहित कुल 58 लोगों का दल 14 सितंबर को एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला था। 25 सितंबर को यह दल डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में द्रौपदी का डांडा चोटी के बेस कैंप में पहुंचा।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सूचना पर वायुसेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 26 लोगों को बचा लिया जबकि चार लोगों के शव निकाले जा सके। इनमें से दो प्रशिक्षु और दो महिला प्रशिक्षक शामिल हैं जबकि, 28 लोग लापता हैं। इनमें नौ उत्तराखंड के हैं। एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि दो मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। लापता लोगों में हिमाचल प्रदेश के एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल हैं। अब बुधवार सुबह फिर से बचाव अभियान चलाया जाएगा।
उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(निम) में 44 प्रशिक्षुओं, 8 प्रशिक्षकों सहित कुल 58 लोगों का दल 14 सितंबर को एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला था। 25 सितंबर को यह दल डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में द्रौपदी का डांडा चोटी के बेस कैंप में पहुंचा। वहां से सभी चोटी के आरोहण के लिए 5670 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप-1 तक पहुंचे। मंगलवार तड़के चार बजे यह दल द्रौपदी का डांडा चोटी(5771 मी.) पर पहुंचा। लेकिन, कैंप-1 में लौटते समय करीब 8.45 बजे दल भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इसकी सूचना करीब 10 बजे उत्तरकाशी स्थित निम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन को मिली। उन्होंने डीएम अभिषेक रूहेला को इसकी जानकारी दी। डीएम ने तत्काल सरकार से मदद मांगी।
इसके बाद सहारनपुर स्थित सरसावा एयरपोर्ट से वायुसेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर रवाना हुए। बाद में एक हेलीकॉफ्टर बरेली एयरबेस भी रवाना हुआ। वहीं देहरादून से भी एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर से एसडीआरएफ की टीम रवाना हुई। देरशाम द्रौपदी का डांडा क्षेत्र में मौसम खराब हो गया। बर्फबारी के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। डीएम ने बताया कि चार शव बरामद किए गए हैं जबकि वायुसेना और एसडीआरएफ ने 26 लोगों को बचा लिया है। सूत्रों का कहना है कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। डीएम अभिषेक रूहेला के अनुसार, मौसम खुलने बाद बुधवार को दोबारा से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।