दो नंबर फ्लैट में नंबर दो के काम, फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने के मामले का भंडाफोड़
मेट्रोपोलिस में फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने के मामले का भंडाफोड़ करने के बाद पुलिस ने सोसाइटी के दो फ्लैट सील कर दिए हैं। साथ ही पुलिस ने नैनीताल रोड पर स्थित पर मुख्य सरगना की कंप्यूटर की दुकानों को भी सील कर दिया है। इत्तफाक से मेट्रोपोलिस के दोनों फ्लैटों का नंबर भी दो है जहां नंबर दो के काम हो रहे थे।
पुलिस ने क्राइम सीन सुरक्षित रखने के लिए फ्लैट व कार्यालय को सील किया है। पुलिस को उम्मीद है कि वहां से फर्जीवाड़ा के अन्य साक्ष्य भी मिल सकते हैं। मेट्रोपोलिस कॉलोनी में बृहस्पतिवार शाम को पुलिस ने फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर डिग्री-डिप्लोमा बनाने की भारी सामग्री बरामद की थी। मामले का मुख्य सरगना सहित तीन लोग गिरफ्त से बाहर हैं। शनिवार को पुलिस ने मेट्रोपोलिस के एच-9 टावर के फ्लैट नं-2 को और सी-11 टावर के फ्लैट नं.-2 को सील कर दिया।
सीओ पंतनगर तपेश चंद्र ने बताया कि एच-9 टावर के फ्लैट में आरोपी फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने का काम करते थे और वहीं पर रहते थे जबकि सी-11 टावर के फ्लैट में मुख्य सरगना का कार्यालय था और गिरफ्तार हुए युवक अजय तथा गौरव भी वहां दिन के समय में बैठते थे। सीओ का कहना है कि मामले की विवेचना के दौरान क्राइम सीन को संरक्षित रखने के लिए फ्लैट और कार्यालय को सील किया गया है।
मेट्रोपोलिस में फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने का धंधा राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने का काम पेशेवर ढंग से किया जा रहा था। यहां पर बाहरी प्रदेशों से भी डिग्री डिप्लोमा, मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनाने का ऑर्डर आता था। इस मामले में कई कोचिंग संस्थानों के नाम भी सामने आ रहे हैं। सीओ तपेश चंद्र का कहना है कि कोचिंग संस्थानों की भी जांच की जाएगी।
फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाने के मामले की विवेचना सिडकुल चौकी प्रभारी पंकज कुमार कर रहे थे। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी इस विवेचना से नाखुश नजर आए और अब उन्होंने मामले की विवेचना दिनेशपुर थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय की सुपुर्द कर दी है। एसएसपी का कहना है कि अब इस मामले की विवेचना दिनेशपुर थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय करेंगे। एसएसपी ने कहा कि आगे चलकर इस मामले के लिए एसआईटी का गठन भी किया जा सकता है।
आरोपी पांच यूनिवर्सिटियों के फर्जी डिग्री-डिप्लोमा बनाते थे जिसमें विलियम कैरे यूनविर्सिटी शिलांग, सनराइज यूनिवर्सिटी राजस्थान, वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची, साईनाथ यूनिवर्सिटी रांची और वीबीएस पूर्वांचल यूनिवर्सिटी (यूपी) शामिल हैं। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि सिडकुल की सभी कंपनियों को सूचित किया जाएगा कि इन पांचों यूनिवर्सिटी की डिग्री और मार्कशीट वाले युवा यदि उनके पास नौकरी कर रहे हैं तो कंपनियां उनकी जांच करवाएं।