पुलिस थाने व चौकियों के लिए 750 करोड़ की आवश्यकता: सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में नए थानों, पुलिस चौकियों और पुलिस जवानों के आवासों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से एकमुश्त 750 करोड़ रुपये की सहायता का मुद्दा उठाया। उन्होंने उत्तराखंड की आंतरिक सुरक्षा और सीमा क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इनर लाइन प्रतिबंधों में छूट देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार सीमांत जिलों में हिम प्रहरी योजना पर काम कर रही है। इस योजना के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से प्रति माह पांच करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने का अनुरोध किया।
बृहस्पतिवार को शुरू हुए चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए इनर लाइन प्रतिबंधों पर छूट प्रदान किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश के कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील केंद्रीय प्रतिष्ठान तथा कार्यालय राज्य में स्थित हैं। जिनकी सुरक्षा का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकार पर है। राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों तथा चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा का जिम्मा राज्य सरकार पर ही है। इस वर्ष चार करोड़ शिवभक्तों को कांवड़ यात्रा व अभी तक करीब 45 लाख श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक चारधाम यात्रा कराने में सफल हुए हैं। इन कार्यों के लिए आवश्यक सहयोग की भी हमें केन्द्र सरकार से निरंतर आवश्यकता रहेगी।
कट्टरपंथी व माओवादी गतिविधियां काबू में
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न संगठनों की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में धार्मिक उन्माद एवं कट्टरपंथी गतिविधियों को हतोत्साहित करने के क्रम में अतिवामपंथी एवं माओवादी गतिविधियों को भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा रहा है।
सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में होगा सुधार
सीएम ने बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने का कार्य कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों व संप्रदायों के निवासी को लाभ होगा। सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में गुणात्मक सुधार होगा।