20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों की केंद्र सरकार को क़द्र नहीं, उनकी स्थिति दोयम दर्जे की : शाह फैसल

20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों की केंद्र सरकार को क़द्र नहीं, उनकी स्थिति दोयम दर्जे की : शाह फैसल

श्रीनगर: भारतीय प्रशासनिक सेवा में 2010 में देशभर में शीर्ष पर रहे शाह फैसल ने बुधवार को भारतीय मुसलमानों को हाशिये पर धकेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीर में कथित हत्याओं के खिलाफ आईएएस से इस्तीफा देने का फैसला किया है. फैसल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में यह घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि वह शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भविष्य को लेकर अपनी योजनाओं के बारे में बताएंगे.

उन्होंने लिखा, ‘कश्मीर में लगातार हत्याओं के मामलों और केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिये पर डालने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध मैंने आईएएस से इस्तीफे का फैसला किया है.’
फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मेरा महत्वपूर्ण काम प्रशासनिक सेवा में आना चाह रहे युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा ताकि उनका सपना पूरा हो.

बता दें फैसल ने वर्ष 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था. उन्हें जम्मू एवं कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था, जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया. वह हाल ही में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में फुलब्राइट फैलोशिप पूरा करने के बाद अमेरिका से लौटे थे.

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