उसी टक्कर की वजह से धरती पर सूनामी आई
एस्टेरॉयड धरती से टकराने के बाद कितनी तबाही मचा सकते हैं इस बारे में वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि 6.50 करोड़ साल पहले जिन एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) की बमबारी वजह से धरती से डायनासोर विलुप्त हो गए थे। उसी टक्कर की वजह से धरती पर सूनामी आई। यही नहीं इस एस्टेरॉयड की टक्कर से एक हजार करोड़ परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा पैदा हुई थी। यह ऊर्जा इतनी भयानक थी कि इससे हजारों मील तक पेड़ पौधे खत्म हो गए थे।
‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी साइंस’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक मेक्सिको के युकातान प्रायद्वीप में एस्टेरॉयडों के प्रभाव की वजह से जंगलों में आग लगी और सूनामी आई। इससे पृथ्वी के वातावरण में सल्फर बड़ी मात्र में फैल गया, जिसने सूर्य के प्रकाश को धीमा कर दिया और धरती हिमयुग की ओर जाने लगी, जिसकी वजह से डायनासोर का अस्तित्व मिटने लगा।
अमेरिका में टेक्सास इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स (यूटीआइजी)के शोधकर्ताओं को युकातान के क्रेटरों (गड्ढ़ों) की जांच में चारकोल के टुकड़े और कई पत्थरों के ढेर मिले, जो या तो सूनामी के कारण इन क्रेटरों में भरे होंगे या एस्टेरॉयड के कारण। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि एस्टेरॉयड के कारण महज कुछ ही घंटों में कई क्रेटरों में मलबे के रूप में कई प्रकार की सामग्रियां भर गईं, लेकिन कई क्रेटरों की सामग्री सूनामी के कारण या तो दफन हो गई या बह गई।
स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के एंटोनी बेरकोविसी ने बताया कि इस अध्ययन की सबसे जरूरी बात यह है कि ज्यादातर क्रेटर तलछट (सूनामी के बाद बची हुई गाद) के कारण भर गए थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, सूनामी की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्रेटर एक दिन में 425 फीट तक सामग्रियों से भर जाते थे। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक, सीन गुलिक ने कहा कि ये सुबूत एक पत्थर से लिए गए रिकॉर्ड का हिस्सा हैं, जो सूनामी की भयावहता को बताते हैं। गुलिक ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऐसा नहीं हुआ कि सभी डायनासोर एक ही दिन मर गए.. पर इसके कारण कई जीव धरती में जरूर समा गए।
शोधकर्ताओं को मिट्टी में मिले चारकोल और फंगी (कवक) युक्त मिट्टी के सुबूत बताते हैं कि वे सूनामी के कारण मिट्टी में दफन हो गए थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि इन क्रेटरों की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके आसपास सल्फरयुक्त पत्थरों के कई टुकड़े मौजूद थे, जबकि क्रेटरों की सतह में सल्फर मौजूद ही नहीं थी। इसी आधार पर शोधकर्ताओं का अनुमान है कि धरती पर जब एस्टेरॉयड की बमबारी हुई थी तो इसके बाद ही धरती पर सूनामी आई और कई जीव पृथ्वी में दफन हो गए होंगे।