हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
हरिद्वार, विश्व ङ्क्षहदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने और देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की पुरजोर पैरवी की। संतों में इन समेत कई अन्य मामलों पर निर्णय के लिए केंद्र सरकार को वर्ष 2022 तक का समय देने पर सहमति बनी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मुद्दा भी चर्चा में रहा। अखंड परम धाम हरिद्वार में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय यह बैठक हो रही है।
स्वामी विवेकानन्द सरस्वती और महामंडलेश्वर स्वामी परमानन्द की अध्यक्षता में चली बैठक में बुधवार को पहले दिन कई मुद्दों पर मंथन हुआ। इनमें नदियों की तहलटी से गाद निकाल उसकी स्वाभाविक गहराई और उसके जल-प्रवाह को अविरल व निर्मल बनाने, देश में समान जनसंख्या नीति लागू करने, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने, कश्मीरी हिन्दुओं के घाटी में पुनर्वास की सुरक्षित व्यवस्था करने, एक देश एक संविधान की व्यवस्था लागू करने, रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की सभी बाधाओं को दूर करना प्रमुख रहा। संतों ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की कि वह दूसरे देशों से प्रताडि़त होकर भारत पहुंचे हिन्दुओं को बतौर शरणार्थी नागरिक का दर्जा प्रदान करे। साथ ही अन्य धर्मों के लोगों को घुसपैठिया मानते हुए उन्हें देश से बाहर निकाले।
इस बीच, पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य महामंडलेश्वर परमानंद गिरी और राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि संतों ने इन सभी मसलों के हल के लिए केंद्र सरकार को 2022 तक का समय देने पर सहमति जताई है। तब तक संसद के दोनों सदनों में भाजपा बहुमत की स्थिति में होगी। ऐसे में सरकार फैसले लेने को लेकर सहज स्थिति में होगी। संतों ने साफ तौर पर कहा कि अगर फिर भी सरकार ने बहानेबाजी की तो सरकार को सबक सिखाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक शब्द की परिभाषा तय कर यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि देश में अलग-अलग जगहों पर अल्पसंख्यक कौन है। जम्मू-कश्मीर सहित कुछ राज्य ऐसे हैं जहां हिन्दू अल्पसंख्यक है, इसी तरह पंजाब में सिख अल्पसंख्यक नहीं, वहां अन्य अल्पसंख्यक हैं। इसलिए जो जहां अल्पसंख्यक है, उसके साथ वहां पर उसी तरह से व्यवहार किया जाना चाहिए। इसी तरह धर्मनिरपेक्ष शब्द की व्याख्या होनी चाहिए, कहा कि पंथ निरपेक्ष ज्यादा उचित शब्द है। महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नेक, सच्चे और आदर्श पुरूष थे पर, बंटवारे के वक्त की उनकी कुछ गलत नीतियों के चलते देश को आज तक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चुनाव परिणाम राष्ट्रहित के कार्यों पर मुहर: कोकजे
विहिप अध्यक्ष वीएस कोकजे ने बैठक में रखे गए प्रस्तावों पर विस्तार से जानकारी दी। चर्चा में कहा कि मोदी सरकार की दोबारा जीत राष्ट्रहित में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों पर जनता की मुहर है। अब सरकार को चाहिए कि वह जन-आकांक्षाओं को अविलंब पूरा करे।
हिन्दुत्व की जीत, परिवारवार की हार: आलोक
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने लोकसभा के हालिया चुनाव परिणामों के संदर्भ में कहा कि इसमें राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और विकास की विजय और परिवारवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण एवं भ्रष्टाचार की राजनीति परास्त हुई है। हम सभी को इस भावना को जीवित रखना है। ताकि सरकार जनभावनाओं पर खरी उतर सके।
मोदी सरकार को आशीर्वाद
बैठक में संतों ने एक स्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित सरकार के प्रति अपनी शुभेच्छा व्यक्त करते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। संतों से हाथ उठाकर ईश्वर से कामना की कि सरकार देश के हित और विकास में सफल हो, जन-आकांक्षाओं को पूरा करे, राष्ट्र को गौरव और मजबूती प्रदान करे। संतों ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर अभियान और कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन मामले में सरकार के फैसलों का स्वागत किया।
मंदिर निर्माण पर प्रस्ताव संभव
मार्गदर्शक मंडल की बैठक में वीरवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के मुद्दे पर व्यापक चर्चा संभव है। इसके लिए प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे इसके संकेत दिए।
इनकी रही मौजूदगी
महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरी, स्वामी विवेकानंद सरस्वती, पूर्व गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद, मुनि महाराज स्वामी चिदानंद, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, जगतगुरु रामानंदाचार्य रामधराचार्य, महामंडलेश्वर विश्वेश्वर आनंद गिरि, महंत रविंद्र पुरी, आचार्य अविचलदास, महामंडलेश्वर ज्ञानानंद, स्वामी परमानंद सरस्वती, द्वाराचार्य, श्याम देवाचार्य, स्वामी कृष्णाचार्य, महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती, डा. रामेश्वरदास, वैष्णव महामंडलेश्र्वर हरीचेतनानंद, श्रीमहंत फूलडोल बिहारी दास, महामंडलेश्वर परमानंद भारती, स्वामी जितेंद्रनाथ, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, महंत कमल नयन दास, महंत सुरेश दास, महंत कन्हैया दास, महंत देवआनंद सरस्वती, स्वामी शंकरानंद गिरी, महंत रामकृष्ण दास, महामंडलेश्र्वर अनूपआनंद, श्रीमहंत नवलकिशोर दास, महामंडलेश्वर ज्योतिय्र्यानंद।