एम्स ऋषिकेश में एआरसीसिम 2025 का उद्घाटन, चिकित्सा सिमुलेशन पर 310 प्रतिभागियों की सहभागिता

ऋषिकेश स्थित एम्स में शुक्रवार को चिकित्सा सिमुलेशन पर केंद्रित सम्मेलन “एआरसीसिम 2025” का भव्य उद्घाटन हुआ। देश-विदेश से आए चिकित्सा विशेषज्ञों, स्वास्थ्य शिक्षा प्रतिनिधियों और सिमुलेशन क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञों की मौजूदगी में दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ सम्मेलन की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने अमेरिका के पिट्सबर्ग चिल्ड्रन हॉस्पिटल में अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा करते हुए बताया कि पारंपरिक मॉडल “सी वन, डू वन, टीच वन” अब बदलकर “सी वन, प्रैक्टिस मेनी, डू वन” हो गया है। उन्होंने टेली-सिमुलेशन और टेली-ब्रीफिंग को सिमुलेशन आधारित शिक्षण की नई दिशा बताया।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि एम्स अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी ने शल्य चिकित्सा सिमुलेशन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। वहीं डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने सिमुलेशन को शिक्षा में बदलाव लाने वाला सुरक्षित मंच बताया।
सिंगापुर के सिंगहेल्थ ड्यूक-एनयूएस से डॉ. लंदन ओई और नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल से डॉ. अशोक्का बालाकृष्णन ने भी महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए। आयोजन सचिव प्रो. शालिनी राव ने बताया कि एम्स का सिमुलेशन एवं कौशल विकास केंद्र अब तक 36,000 से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे चुका है।
सम्मेलन के तहत चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, नर्सिंग व सहायक क्षेत्रों में 11 कार्यशालाएं आयोजित हो रही हैं। कार्यक्रम में 310 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। डिजिटल ई-स्मारिका का विमोचन भी इस अवसर पर हुआ।