कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी के पांचवें अधिवेशन में डायबिटीज और हृदय रोग पर चर्चा शुरू
ऋषिकेश, 8 नवंबर – एम्स ऋषिकेश में शुक्रवार को कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी के तत्वावधान में पांचवें वार्षिक अधिवेशन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रो. सिंह ने डायबिटीज और हृदय रोग के आपसी संबंध पर चर्चा करते हुए, स्वास्थ्य सेवाओं में एकीकृत उपचार के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सोसाइटी के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे समाज के स्वास्थ्य में उपयोगी बताया।
कार्यक्रम की गेस्ट ऑफ ऑनर, संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने इस वार्षिक आयोजन के लिए आयोजन अध्यक्ष प्रो. रविकान्त और उनकी टीम को बधाई दी। अधिवेशन में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने मधुमेह के कारण आंखों में आने वाली जटिलताओं पर जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया और नियमित नेत्र परीक्षण कराने की सलाह दी।
आयोजन अध्यक्ष प्रो. रविकान्त ने डायबिटीज से ग्रसित रोगियों में हृदय रोग के समय पर निदान की आवश्यकता को रेखांकित किया, जबकि उपाध्यक्ष डॉ. वेंकटेश एस. पाई ने गठिया रोग पर विशेषज्ञ जानकारी साझा की। अधिवेशन में देशभर से आए मेडिकल विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में डायबिटीज, गठिया और गहन चिकित्सा पर गहन चर्चा की।
पहले दिन के सत्र में विशेषज्ञों ने गहन चिकित्सा, गठिया, और डायबिटिक चिकित्सा पर अपने विचार साझा किए। मुख्य वक्ताओं में केजीएमयू लखनऊ के डॉ. एस.टी. हिमाशु रेड्डी, एम्स पटना के डॉ. ज्योति प्रकाश, और जिपमर पांडीचेरी के डॉ. बाला मुर्गेसन शामिल रहे। आयोजन सचिव डॉ. मुकेश बैरवा ने देशभर से आए विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए, इस वार्षिक अधिवेशन को सफल बनाने में उनके योगदान की सराहना की।
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