एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ राष्ट्रीय कार्डियोलॉजी सम्मेलन, नई तकनीक ‘लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग’ पर चर्चा

ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में देशभर के कार्डियोलॉजिस्ट तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्डियोलॉजी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (उत्तराखंड चैप्टर) के इस वार्षिक सम्मेलन में हृदय रोगों के आधुनिक और उन्नत उपचारों पर चर्चा की जा रही है। सम्मेलन का मुख्य फोकस प्रीवेंटीव, इंटरवेंशनल और एडवांस कार्डियोलॉजी के साथ हृदय रोग उपचार की नई चुनौतियों और तकनीकी नवाचारों पर है।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और डीन (एकेडमिक्स) प्रो. जया चतुर्वेदी के निर्देशन में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ। पहले दिन विशेषज्ञों ने ‘लेफ्ट बंडल ब्रांच पेसिंग (LBBP)’ तकनीक पर विस्तार से चर्चा की, जो पेसमेकर लगाने की एक नई और प्रभावी विधि है।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक और पीएसआरआई अस्पताल दिल्ली के कार्डियक साइंसेज चेयरमैन प्रो. के.के. तलवार, आयोजन अध्यक्ष डाॅ. अमर पाल सिंह गुल्हाटी, सह-अध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल, आयोजन सचिव डाॅ. बरूण कुमार और कन्वेनर डाॅ. प्रीति शर्मा ने संबोधित किया।
डाॅ. बरूण कुमार, एम्स ऋषिकेश के कार्डियोलॉजिस्ट और आयोजन सचिव, ने बताया कि LBBP तकनीक पारंपरिक पेसमेकर विधियों की तुलना में अधिक सुरक्षित और प्रभावी है। इस तकनीक से हृदय की कमजोरी की संभावना 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है और मरीज को अधिक सुविधा मिलती है। सम्मेलन में लाइव वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों डाॅ. सोमुंगा सुन्दरम और डाॅ. आई.बी. विजयलक्ष्मी ने पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट जैसे डाॅ. अमर उपाध्याय, डाॅ. राज प्रताप सिंह, डाॅ. प्रकाश पंत, डाॅ. गगन जैन, डाॅ. शमशाद आलम, डाॅ. हिमांशु राणा, डाॅ. सतीश कुमार, डाॅ. तनुज भाटिया और डाॅ. सुवेन कुमार सहित अनेक चिकित्सा विशेषज्ञ और छात्र उपस्थित रहे। तीन दिवसीय यह सम्मेलन हृदय रोगों के आधुनिक उपचारों को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श का मंच बन रहा है।



