एम्स ऋषिकेश में आंखों की सुरक्षा पर व्याख्यान, विशेषज्ञों ने बताए बचाव के उपाय

एम्स ऋषिकेश में आंखों की सुरक्षा पर व्याख्यान, विशेषज्ञों ने बताए बचाव के उपाय

ऋषिकेश – एम्स ऋषिकेश में ’आंखों में लगने वाली चोट, कारण एवं बचाव’ विषय पर पब्लिक लेक्चर और सीएमई का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेत्र रोग विशेषज्ञों ने कहा कि दुनिया देखने के लिए आंखें अनमोल हैं और इनकी सुरक्षा बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों ने बताया कि आंखों में चोट लगने से रोशनी तक जा सकती है, इसलिए संवेदनशील कार्यस्थलों पर हमेशा सुरक्षा चश्मों का उपयोग करना चाहिए।

कार्यक्रम का आयोजन एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभाग और उत्तराखंड स्टेट ऑफ्थोमोलोजी सोसाइटी (यू.के.एस.ओ.एस) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसमें देहरादून, हरिद्वार और आसपास के मेडिकल कॉलेजों व स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञों ने आंखों की सुरक्षा पर चर्चा की। वर्चुअल माध्यम से एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में आंखों की चोट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता बताई।

नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि बच्चों और श्रमिक वर्ग को आंखों में चोट का सबसे अधिक खतरा रहता है। वेल्डर, बढ़ई, कारपेंटर, पेंटर और फैक्ट्रियों में काम करने वालों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने सुरक्षा चश्मा पहनने पर जोर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा चश्मे वितरित किए गए।

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कार्यक्रम में प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. बी. सत्या श्री और कई विशेषज्ञ मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने भी व्याख्यान में हिस्सा लिया। उन्होंने बच्चों की आंखों पर बढ़ते मोबाइल और लैपटॉप के असर को गंभीर बताया और विभाग को एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सुझाव दिया कि बच्चों के नेत्र परीक्षण को टीकाकरण कार्ड से जोड़ा जाए और श्रमिक वर्ग के लिए सुरक्षा चश्मा अनिवार्य किया जाए।

Saurabh Negi

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