एम्स ऋषिकेश में हिंदी पखवाड़े का समापन, स्वरचित काव्य पाठ और प्रतिभागियों को सम्मान

ऋषिकेश, 1 अक्टूबर – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में चल रहा हिंदी पखवाड़ा आज बुधवार को संपन्न हो गया। समापन अवसर पर संस्थान के विभिन्न विभागों से जुड़े रचनाकारों ने अपनी स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप प्रभारी कार्यकारी निदेशक और डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत किया और दैनिक जीवन व सरकारी कामकाज में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का आह्वान किया। एम्स ऋषिकेश के राजभाषा विभाग की ओर से यह हिंदी पखवाड़ा 15 सितंबर से शुरू हुआ था। पूरे पखवाड़े के दौरान अलग-अलग दिनों में हिंदी निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, टंकण प्रतियोगिता, हस्ताक्षर प्रतियोगिता और स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित हुईं। इसके अलावा कर्मचारियों को हिंदी के प्रयोग और महत्व के बारे में भी जागरूक किया गया।
काव्य पाठ प्रतियोगिता में संस्थान के विभिन्न विभागों के हिंदी रचनाकारों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं। इनमें समाज, संस्कृति, मानवता और राष्ट्रभक्ति से जुड़ी रचनाओं को खूब सराहा गया। श्रोताओं ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साह बढ़ाया।
विजेताओं और उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान
समापन समारोह में विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं में अव्वल आए प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि प्रो. जया चतुर्वेदी ने पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही वर्षभर हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी “उत्कृष्ट कार्य पुरस्कार” प्रदान किया गया। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान है और यह सभी को जोड़ने का काम करती है।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा, “हिंदी हमारी राजभाषा है और इसे सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक प्रयोग में लाना सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। जब हम अपनी भाषा को सम्मान देंगे तभी नई पीढ़ी भी इसे अपनाएगी।” उन्होंने राजभाषा विभाग की पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजन कर्मचारियों को हिंदी के प्रयोग के लिए प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम में प्रभारी अधिकारी (राजभाषा) व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डॉ. मुकेश पाल ने हिंदी के ऐतिहासिक महत्व और राजभाषा के रूप में इसके क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रयोग से न केवल कामकाज सुगम होता है बल्कि आमजन से संवाद भी आसान हो जाता है।
समारोह में हिंदी सप्ताह आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रो. रश्मि मल्होत्रा, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य प्रो. स्मृति अरोड़ा, रक्ताधान चिकित्सा विभाग के सह-आचार्य डॉ. आशीष जैन, अतिथि परीक्षक भाषाविद् डॉ. नरेश मोहन, उप-प्रबंधक (राजभाषा) पंकज कुमार शर्मा सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।