एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग एक्सीलेंस अवार्ड के साथ रोगी सुरक्षा सम्मेलन का सफल आयोजन, हेल्थकेयर में बेहतर सेवाओं पर दिया गया जोर

एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग एक्सीलेंस अवार्ड के साथ रोगी सुरक्षा सम्मेलन का सफल आयोजन, हेल्थकेयर में बेहतर सेवाओं पर दिया गया जोर

ऋषिकेश – एम्स ऋषिकेश में कल (गुरुवार, 16 मई) दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिनमें एक ओर जहां उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले नर्सिंग अधिकारियों को सम्मानित किया गया, वहीं दूसरी ओर रोगी सुरक्षा पर केंद्रित ‘पेशेंट सेफ्टी कॉन्क्लेव’ में हेल्थ प्रोफेशनल्स ने चिकित्सा प्रणाली को सुरक्षित बनाने के उपायों पर गंभीर मंथन किया।

नर्सिंग सप्ताह के समापन पर हुआ सम्मान समारोह
अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग सप्ताह के समापन पर आयोजित समारोह में एम्स ऋषिकेश ने नर्सिंग अधिकारियों की सेवा भावना और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें ‘नर्सिंग एक्सीलेंस अवार्ड’ से नवाजा। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की मोनिका, आईसीयू की रविंद्र कौर, ऑपरेशन थिएटर की प्रीति यादव, मेडिसिन स्पेशियलिटीज की सुमन भंडारी और सर्जिकल स्पेशियलिटीज की हेमा बिष्ट को उत्कृष्ट नर्सिंग सेवा के लिए सम्मानित किया गया। सप्ताह भर चले आयोजनों में नर्सिंग टीमों ने नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता, रक्तदान शिविर और प्रशिक्षण सत्र जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनजागरूकता फैलाई।

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पेशेंट सेफ्टी कॉन्क्लेव में रोगी सुरक्षा पर गहन विमर्श
इसी दिन आयोजित ‘पेशेंट सेफ्टी कॉन्क्लेव’ में उत्तराखंड के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए 40 से अधिक नोडल अधिकारियों और विशेषज्ञों ने रोगी सुरक्षा को लेकर संवाद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने की, जिन्होंने कहा कि सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रत्येक अस्पताल की जिम्मेदारी है। उन्होंने नवजातों के मामले में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत पर बल दिया।

मुख्य अतिथि डीजी हेल्थ सर्विसेस डॉ. सुजाता चौधरी ने कहा कि पेशेंट सेफ्टी एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें हर स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका अहम होती है। विशिष्ट अतिथि डॉ. अविनाश सुंथालिया ने बताया कि सरकार हर अस्पताल में पेशेंट सेफ्टी सेल बनाने की दिशा में काम कर रही है और एम्स ऋषिकेश इस दिशा में एक मॉडल बनकर उभरा है।

कॉन्क्लेव में रोगियों की सही पहचान, संक्रमण नियंत्रण, हाई-अलर्ट दवाओं की सुरक्षा और सुरक्षित सर्जरी जैसे अंतरराष्ट्रीय रोगी सुरक्षा लक्ष्यों पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों ने ईमानदारी और प्रतिबद्धता की शपथ ली और सिम्युलेशन बेस्ड प्रशिक्षण व पैनल डिस्कशन में हिस्सा लिया।

 

Saurabh Negi

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