एम्स ऋषिकेश ने विकृत बच्चे को दिया नया जीवन, सर्जरी से मिली सफलता
एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने नौ माह के ऐसे बच्चे को नई जिंदगी दी है, जो जन्म से चार पैरों और विकृत शरीर के साथ पैदा हुआ था। यूपी के मुजफ्फरनगर के इस बच्चे का जन्म दुर्लभ विकृति के साथ हुआ था, जहां दूसरे भ्रूण का विकास अधूरा रहकर पहले भ्रूण में जुड़ गया। एम्स के डॉक्टरों ने इस बच्चे को सामान्य स्वरूप देने के लिए 8 घंटे की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की हेड और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने बताया कि बच्चे के दो पैर सामान्य स्थिति में थे, जबकि दो अन्य पैर असामान्य स्थिति में थे। इसके अलावा उसकी रीढ़ की हड्डी पर सूजन भी थी। बच्चे की स्थिति को देखते हुए एम्स के विभिन्न विभागों की टीम ने विस्तृत जांच और योजनाओं के बाद सर्जरी का निर्णय लिया।
सर्जरी में शामिल डॉ. इनोनो योशू ने बताया कि इस जटिल प्रक्रिया के दौरान टीम को बच्चे की एक ही किडनी के कारण अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी। सर्जरी के बाद बच्चे को तीन सप्ताह तक निगरानी में रखा गया और स्थिति सामान्य होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
इस सर्जरी में पीडियाट्रिक सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी और एनेस्थेसिया विभाग के विशेषज्ञ शामिल थे। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस सफलता को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए टीम की सराहना की।