मालसी जू में कैक्टस की खरीद समेत बिना टेंडर के ही कराए गए तमाम कार्य, जानिए क्या है मामला
देहरादून। मालसी जू में कैक्टस गार्डन में लगाए गए कैक्टस अब कई अधिकारियों को ‘चुभने’ वाले हैं। इस गार्डन में वर्ष 2018 में कैक्टस की खरीद समेत तमाम कार्य बिना टेंडर के ही कराए गए हैं, जिनकी लागत 37.31 लाख रुपये से अधिक है। इस बात का खुलासा आरटीआइ कार्यकर्ता विनोद कुमार जैन की ओर से आरटीआइ में मांगी गई जानकारी में हुआ। आरटीआइ कार्यकर्ता की ओर से इसकी शिकायत प्रमुख वन संरक्षक डॉ. जयराज से की गई है।
आरटीआइ में प्राप्त जानकारी के मुताबिक मालसी जू के लिए आनंद ट्रेडिंग कंपनी, नींबूवाला (देहरादून) से 7.17 लाख रुपये के कैक्टस के पौधे बिना टेंडर के खरीदे गए। गंभीर यह भी कि अधिकतर पौधे 5000 से लेकर 18 हजार रुपये तक खरीदे गए हैं। यह दरें भी किसी विभाग से प्रमाणित नहीं कराई गईं। इसी तरह 4.28 लाख रुपये के कैक्टस के पौधे भीमताल (नैनीताल) स्थित एक्जोटिका नर्सरी पदमपुरी खुतानी से खरीदे गए हैं।
इस खरीद के लिए भी किसी तरह के टेंडर भी जारी नहीं किए गए। वहीं, स्पैक्ट्रम मैटल प्रोफाइल्स (हरिद्वार रोड, देहरादून) से 6.02 लाख रुपये की विभिन्न सामग्री की खरीद भी नियमों के विपरीत की गई। इसके अलावा भी विभिन्न तरह की खरीद में उत्तराखंड प्रोक्योरमेंट नियमावली का पालन नहीं किया गया। न ही इनमें गुणवत्ता को लेकर किसी तरह का प्रमाण पत्र नियमावली के तहत प्राप्त किया गया।
किसी योजना में नहीं ली प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति
कैक्टस गार्डन में कराए गए कार्यों में मनमानी के लिए अधिकारियों ने इसकी स्थापना के लिए किसी भी योजना में न तो प्रशासनिक स्वीकृति ली और नही वित्तीय स्वीकृति। कैक्टस गार्डन की स्थापना एक गैर वानिकी कार्य है, जबकि जू आरक्षित वन क्षेत्र में आता है। इसके लिए विधिवत भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई की जानी चाहिए थी। हालांकि, नियमों का पालन किया जाता तो सभी कार्यों को मानकों के अनुरूप कराया जाता।
बिना कोटेशन/टेंडर में सिर्फ 50 हजार के काम का प्रावधान
नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि बिना कोटेशन/टेंडर के सिर्फ 50 हजार रुपये तक के कार्य बाजार सर्वे के आधार पर कराए जा सकते हैं। जबकि इससे ऊपर एक लाख रुपये तक की खरीद स्थानीय क्रय समिति का गठन कर कराने का प्रावधान है।
यह काम किए नियमों के विपरीत
- कार्य————————————व्यय (लाख रु. में)
- शेड निर्माण——————————10. 65
- कैक्टस व सैक्यूलैंट पौधों की खरीद—16.64
- गोल चबूतरे, विजिटर पाथ आदि——–6.46
- गमले, मिट्टी, खाद आदि की खरीद——3.55
डॉ. जयराज (प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखंड) का कहना है कि शिकायत का परीक्षण कराया जा रहा है। देखा जा रहा है कि किन कारणों से कैक्टस गार्डन में खरीद व अन्य कार्य बिना टेंडर के किए गए। इसके बाद जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।