एम्स ऋषिकेश में स्थानीय को शोषण एवं बहारी को प्राथमिकता। विभिन्न संगठनों ने श्वेत पत्र लाने की उठाई मांग

एम्स ऋषिकेश में स्थानीय को शोषण एवं बहारी को प्राथमिकता। विभिन्न संगठनों ने श्वेत पत्र लाने की उठाई मांग

देहरादून- आज दिनांक 27 मार्च को एम्स निष्कासित संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में देहरादून में एकत्रित तमाम जन संगठनों ने एक प्रेस वार्ता आहूत की जिसका मुख्य उद्देश्य एम्स ऋषिकेश से निष्कासित स्थानीय लोगों का शोषण था और यह शोषण अब इस कदर बढ़ चुका है कि आए दिन यहां के लोगों को जाति वर्ग के द्वेष के तहत निष्कासित किया जा रहा है।

जो कि अपने आप में एक दुर्भाग्यपूर्ण और चिन्ता की बात है, आज पत्रकार वार्ता में डी.ए.वी छात्रसंघ के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथक उत्तराखण्ड राज्य बने 18 साल पूर्ण हो चुके है पर आज भी स्थानीय लोगो को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा हैं।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने चेतावनी दी कि उत्तराखण्ड सरकार विभिन्न संस्थानों में लगे युवाओं को बहार करने की जिस रणिनीति पर चल रही है उसे अविलंब रोका जाए और सरकार बेरोजगारी की लाइन को और अधिक लंबा करने से बाज आये। राज्य आंदोलनकारि मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने आगमी लोकसभा चुनावों में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को सबक सिखाने की बात कही। गैरसैंण अभियान से जुड़े मनोज ध्यानी ने अपने व्यक्तत्व में कहा कि सरकार सभी सरकारी, अर्धसरकारी एवम औद्योगिक प्रतिष्ठानों में 70% युवाओं को रोजगार देने की नीति को सख्ताई से लागू करना सुनिश्चित करें।

आज एम्स निष्काषित संघर्ष मोर्चा द्वारा आहुत प्रेसवार्ता में संगठन के नवीन शर्मा एवं दीपक रयाल ने आरोप लगाए की एम्स प्रशासन ने बिना नोटिस दिए सभी कर्मियों को अचानक नौकरी से निकाल बाहर किया हैं। एम्स प्रशासन पर उन्होंने आरोप जड़ा हैं कि स्थानीय लोगो को दुत्कार कर बहार किया जा रहा है जबकि बाहरी लोगों को नौकरियां थमाई जा रही है। एम्स प्रशासन की कारगुजारियों को सामने रखते हुए वार्ताकारो ने कहा कि एक ओर तो आउटसोर्सिंग से रसूखदार एवम खासमखास लोगो के आश्रितों को नौकरियां थमाई जा रही हैं तो दूसरी ओर यह बहाना गढ़ते हुए कि आउटसोर्सिंग की नियुक्तियों पर लगे लोगो को बाहर किया जा रहा हैं कहकर स्थानीय लोगो के साथ अन्याय किया जा रहा हैं।

अगर इस गलत प्रथा को समय रहते नही रोका गया तो भविष्य में यह नासूर बन जायेगा। प्रेस वार्ताकारो द्वारा पूरे प्रकरण पर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग उठाई गई। प्रेसवार्ता उपरांत एम्स निष्काषित कर्मचारि संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में धरना स्थल स्थित गैरसैंण अभियान के मंच पर पहुँचकर एम्स के निष्काषित कर्मचारियों की लड़ाई में सहयोग करने की बात कही जिसपर उन्हें सकारात्मक आश्वासन मिला।।

आज की प्रेसवार्ता में लुसुन टोडरिया, गिरीश सिंह, कमल कांत, श्वेता, विवेक भंडारी, महर राणा, वीरेश चौधरी, मनीषा, सोनिया, सरिता, ममता रानी, पूनम, अशोक कुमार, अजीत गैरोला, मनदीप, मोनिका, ज्योति आदि अनेक युवक युवतियाँ उपस्थित थे ।

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