अमित शाह ने राहुल गांधी को अनुच्‍छेद-370 के मसले पर चुनौती दी

अमित शाह ने राहुल गांधी को अनुच्‍छेद-370 के मसले पर चुनौती दी

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को महाराष्ट्र के नवापुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अनुच्‍छेद-370 के मसले पर चुनौती दी। उन्‍होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वह एलान करें कि सत्‍ता में वापसी के बाद कांग्रेस अनुच्‍छेद-370 को बहाल करेगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्‍व में महाराष्‍ट्र में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्‍च‍ित की है।

यह पहली बार नहीं है कि भाजपा के किसी शीर्ष नेता ने राहुल गांधी को सत्‍ता में पापसी के बाद अनुच्‍छेद-370 बहाल करने की चुनौती दी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्‍ट्र के जलगांव में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं विरोधियों को चुनौती देता हूं कि यदि उनमें हिम्मत है तो इस चुनाव में भी और आने वाले चुनावों में भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में ये ऐलान करें कि वे अनुच्छेद 370 (Article 370) को वापस लाएंगे। हमारी सरकार ने बीते 05 अगस्त को जो निर्णय किया था उसे बदल देंगे।

शाह महाराष्ट्र के अकोला, कर्जत-जामाखेड़ में भी चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। शुक्रवार को गढ़चिरौली जिले के अहेरी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा था कि पिछले 70 सालों में उनके परिवार की चार पीढि़यों ने आदिवासियों के लिए क्या किया…? उन्होंने यह भी कहा था कि अगले पांच साल में यह क्षेत्र नक्सलवाद से पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा।

भाजपा प्रमुख ने कल कहा कि मैं राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आपकी चार पीढि़यों ने देश पर 70 साल तक राज किया। आपने आदिवासियों के लिए क्या किया? पिछली सरकारों ने तो अन्य पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा तक नहीं दिया था। केंद्र और राज्य में पिछली कांग्रेस और राकांपा सरकारों के मुकाबले मोदी सरकार ने आदिवासियों के लिए सर्वाधिक काम किया है।

भाजपा प्रमुख अमित शाह ने कहा कि मैं राकांपा अध्यक्ष शरद राव (पवार) और राहुल बाबा से महाराष्ट्र में अपने कामकाज का हिसाब मांग रहा हूं। आखिर, उन्होंने विदर्भ और अहेरी के लोगों के लिए क्या किया है। उन्‍होंने भाजपा सरकारों के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि अकेले गढ़चिरौली में ही 1.30 शौचालय बनवाए गए हैं। आदिवासी परिवारों को यहां 48 हजार गैस सिलेंडर और 48 हजार बिजली कनेक्शन, आठ हजार मकान बनाकर दिए गए हैं।

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