अंकिता भंडारी मामले को लेकर लैंसडौन में प्रदर्शन, CBI जांच की मांग तेज

अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने लैंसडौन चौक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार का पुतला दहन किया और मामले में कथित वीआईपी की भूमिका उजागर करने तथा CBI जांच कराने की मांग की। इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
इसी स्थान पर भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस का पुतला दहन कर रहे थे, जिससे कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई। दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त कराए। किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।
प्रदर्शन को समर्थन देते हुए मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक लुशुन तोडरिया ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार एक वीआईपी को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौड़ की दूसरी पत्नी उर्मिला सनावर के बयानों का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया कि उर्मिला सनावर, सुरेश राठौड़ और भाजपा नेता दुष्यंत गौतम से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई।
पहाड़ स्वाभिमान सेना के अध्यक्ष राकेश नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की बेटियां खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सर्वोच्च न्यायालय के पर्यवेक्षण में जांच शुरू नहीं की गई तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
हिमालय क्रांति पार्टी की नेता पूजा चमोली ने कहा कि उत्तराखंड का गठन महिलाओं के नेतृत्व में हुए आंदोलनों से जुड़ा रहा है, लेकिन महिलाओं से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के नेता मोहित डिमरी ने कहा कि राज्य की पहचान बचाने के लिए सामूहिक संघर्ष जरूरी है और न्याय में देरी होने पर आंदोलन तेज किए जाएंगे।
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प्रदर्शन में प्रमोद काला, सत्य, अनिल डोभाल, देवेंद्र हिंदवान, सत्य प्रसाद कंडवाल, कपिल देव रावत और गगन बौड़ाई सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।



