ऋषिकेश के वनंतरा रिजॉर्ट के बाहर प्रदर्शन, पुलिस से धक्का-मुक्की, दोषियों को फांसी की मांग

अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की मांग को लेकर मूल निवास भू–कानून समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों ने पौड़ी गढ़वाल के वनंतरा रिजॉर्ट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए, जब प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर रिजॉर्ट की ओर बढ़ने लगे। मौके पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की और नोकझोंक हुई।
गंगा भोगपुर तल्ला क्षेत्र में प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन पहले से सतर्क था। रिजॉर्ट के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और कई स्थानों पर बैरिकेड लगाए गए थे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, जिससे कुछ देर के लिए स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने संयम बरतते हुए भीड़ को आगे बढ़ने से रोका और हालात को नियंत्रण में रखा।
प्रदर्शन के दौरान समिति के संयोजक लुशुन तोड़ारिया और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। लुशुन तोड़ारिया ने कहा कि जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जनता की आवाज को पुलिस बल के सहारे दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने हत्याकांड में शामिल सभी दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग दोहराई।
समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि न्याय की यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। उन्होंने घोषणा की कि 30 दिसंबर को देहरादून में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को आमंत्रित कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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सभा को संबोधित करते हुए हिमांशु रावत ने आरोप लगाया कि शुरू से ही सरकार एक कथित वीआईपी को बचाने का प्रयास कर रही है। वहीं, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने मांग की कि मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त या कार्यरत न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाए, ताकि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके।



