सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने परिवार के साथ केदारनाथ धाम पहुंचे और बाबा केदार की पूजा-अर्चना की
रुद्रप्रयाग : थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने परिवार के साथ रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे और बाबा केदार की पूजा-अर्चना की। गौरतलब है कि इन दिनों सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे उत्तराखंड में हैं। इसी क्रम में शनिवार को उन्होंने उत्तराखंड में सेना की फारवर्ड पोस्ट पर तैयारियों का जायजा लिया था।
थल सेनाध्यक्ष रविवार को सुबह लगभग 9 बजे श्रीकेदारनाथ धाम पहुंचे। भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पूजा अर्चना की। उनके साथ सेना के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर पुजारी टी गंगाधर लिंग, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला ने थलसेनाध्यक्ष को भगवान केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया।
सेना प्रमुख बनने के बाद सेंट्रल सेक्टर में एलएसी का पहला दौरा
सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे पहली बार सेंट्रल सेक्टर में एलएसी का दौरा किया। यहां उन्होंने उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में एलएसी पर तैयारियों का जायजा लिया और स्थानीय कमांडरों से सैन्य तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने फारवर्ड पोस्ट पर तैनात जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
लोकल रूट पर संचालित होंगी यात्रा की बसें
वहीं चारधाम यात्रा की गति धीमी पड़ जाने के बाद अब लोकल रूट पर बसों की किल्लत समाप्त हो जाएगी। परिवहन विभाग ने निर्णय लिया है कि यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाली बसों को अब लोकल रूट पर संचालित किया जाएगा। शनिवार को ऋषिकेश से 82 बसों में 2591 यात्री विभिन्न धामों के लिए रवाना हुए। 50 बसें यहां खाली खड़ी रही।
चारधाम यात्रा उफान पर आने के कारण उत्तरकाशी और श्रीनगर लोकल रूट पर संचालित होने वाली बसों को भी यात्रा पर लगा दिया गया था। जिस कारण लोकल रूट पर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। अब यह परेशानी दूर हो जाएगी। चारधाम यात्रा की गति धीमी पड़ गई है। परिवहन विभाग के पास पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध है। लेकिन इनकी तुलना में यात्रियों की संख्या कम हो गई है।
शनिवार के लिए परिवहन विभाग की ओर से 132 बसों की व्यवस्था की गई थी। ऋषिकेश से 82 बसों में 2591 यात्री विभिन्न धामों के लिए रवाना हुए। 50 बसें यहां खाली खड़ी रही। एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध है। बसों की संख्या के अनुरूप यात्री कम हैं। इसलिए यात्रा के लिए आरक्षित की गई बसों को लोकल रूट पर संचालित किया जाएगा। जिससे स्थानीय रोड पर बसों की समस्या समाप्त हो जाएगी।