देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में पक्षियों का कुनबा फूला-फूला

देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में पक्षियों का कुनबा फूला-फूला

विकासनगर, 4 अगस्त  — उत्तराखंड की पहली रामसर साइट और देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड (आसान बैराज) इन दिनों पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार है। अप्रैल से सितंबर तक स्थानीय प्रजातियों का बसेरा बनने वाली इस आद्रभूमि में इन दिनों 28 से अधिक प्रजातियों के पक्षी सफलतापूर्वक ब्रीडिंग कर चुके हैं। अनुमानित एक हजार से ज्यादा नन्हें परिंदे अब अपने पंख फैलाने को तैयार हैं। वन विभाग ने सुरक्षा दृष्टि से गश्त बढ़ा दी है। चकराता वन प्रभाग के डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि संवेदनशील समय को देखते हुए रेंजर को अतिरिक्त गश्त के निर्देश दिए गए हैं ताकि चूजों और घोंसलों को किसी तरह का खतरा न हो।

वन दरोगा प्रदीप सक्सेना के अनुसार इस समय आसन झील के टाइफा घास के झुरमुटों में नन्हें पक्षी उड़ने और बचाव के कौशल सीख रहे हैं। जैसे ही अक्टूबर के आसपास विदेशी परिंदों का आगमन शुरू होगा, ये स्थानीय पक्षी उड़ान भरने लगेंगे। हर साल अक्टूबर से मार्च तक साइबेरिया जैसे ठंडे इलाकों से प्रवासी पक्षियों का दल यहां प्रवास करता है।

444 हेक्टेयर में फैली इस झील में वर्तमान में स्पॉट बिल डक, नाइट हेरोन, किंगफिशर, पेंटेड स्टार्क, ब्लैक काइट, हिमालयन बुलबुल, ग्रीन बी ईटर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, मार्टिन, फ्लाईकैचर, इंडियन कोरमोरेंट, कॉमन मोरहेन समेत 28 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष प्रजनन की सफलता दर पहले से बेहतर रही है।

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वन विभाग इस पूरे मौसम को संवेदनशील मानते हुए लगातार निगरानी रख रहा है ताकि नन्हें परिंदों के इस कुनबे को सुरक्षित रखा जा सके। पर्यावरण प्रेमियों के लिए यह समय पक्षी अवलोकन के लिहाज से भी बेहद खास है।

Saurabh Negi

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