गांव की आशा कार्यकर्ता ने बेटी का बाल विवाह करवा दिया
जिस पर गांव के बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी उसी ने अपनी बेटी का बाल विवाह करवा दिया। यह मामला डुंडा तहसील के टिपरा कुमार कोट गांव का है। यहां जिस लड़की की शादी कराई जा रही थी, उस नाबालिग लड़की की मां गांव की आशा कार्यकर्ता है। बाल कल्याण समिति व चाइल्ड हेल्प लाइन की ओर से प्रत्येक गांव में बाल कल्याण समिति का गठन किया जाता है जिसका अध्यक्ष ग्राम प्रधान होता है। इसके अलावा समिति में गांव की आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड सदस्य, महिला मंगल दल के अध्यक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, एएनएम आदि करीब 8 से 10 सदस्य होते हैं। इन सभी की जिम्मेदारी गांव में बच्चों के साथ हो रहे अपराध, यौन शोषण, बाल विवाह की सूचना प्रशासन को देने के साथ ही इन्हें रोकने के प्रयास करने की होती है लेकिन टिपरा गांव में आशा कार्यकर्ता ही अपनी नाबालिग बेटी की शादी पहले मंदिर में करवाई। इसके बाद जब गांव में बरात आने वाली थी तक पुलिस प्रशासन ने यह शादी रुकवा दिया। मगर ऐसे मामलों में अब इन समितियों पर सवाल उठ रहे हैं।