अटल बिहारी वाजपेयी जयंती: सुशासन के प्रतीक और भारत के विकास पुरुष को याद करने का दिन

अटल बिहारी वाजपेयी जयंती: सुशासन के प्रतीक और भारत के विकास पुरुष को याद करने का दिन

25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाती है। वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के वह अद्वितीय नेता थे जिनकी प्रशंसा विपक्ष भी करता था। वह तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और अपनी राजनीति, लेखन, और पत्रकारिता से अमिट छाप छोड़ी। उनके ओजस्वी भाषण और प्रेरणादायक विचार आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

अटल जी के प्रमुख योगदान
वाजपेयी जी की सरकार ने भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने देश के महानगरों को जोड़ा, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाई। शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया, जिससे हर वर्ग को शिक्षा के समान अवसर मिलें।

1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण (ऑपरेशन शक्ति) ने भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया। उनकी सरकार ने दबावों की परवाह किए बिना राष्ट्रहित में साहसिक फैसले लिए।

सुशासन और विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता
अटल जी ने हमेशा सत्ता के बजाय विचारधारा को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह साबित किया कि कांग्रेस से अलग एक वैकल्पिक दृष्टिकोण भी सफल हो सकता है। उनके सिखाए सिद्धांत आज भी देश को नव-समृद्धि की ओर ले जाने की प्रेरणा देते हैं।

इस अवसर पर, अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके सपनों के भारत के निर्माण का संकल्प लें।

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