अविरल जैन: अल्प दृष्टि दिव्यांगता को पार कर रचा इतिहास, LNIPE की प्रवेश परीक्षा में पाई सफलता
अविरल जैन ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय से एक नई मिसाल कायम की है। अल्प दृष्टि दिव्यांग होते हुए भी अविरल ने ग्वालियर स्थित देश के सर्वोच्च शारीरिक शिक्षा संस्थान LNIPE (Lakshmibai National Institute of Physical Education) की प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई कर Bachelor of Physical Education (B.P.Ed) में दाखिला लिया है। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि देशभर के अल्प दृष्टि दिव्यांग छात्रों के लिए प्रेरणादायक है। अविरल ने इस सफलता से दिखा दिया कि शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांग छात्रों के लिए भी बड़े अवसर मौजूद हैं, जो पहले सिर्फ संगीत और कला तक सीमित माने जाते थे।
दृष्टि दिव्यांग छात्रों के लिए एक नई राह
अविरल की इस उपलब्धि ने देश के अन्य दृष्टि दिव्यांग छात्रों की सोच को पंख दिए हैं। अब उन्हें एक और क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, जहां वे अपनी शिक्षा और हुनर का प्रदर्शन कर सकते हैं। पहले माना जाता था कि इस तरह के छात्र केवल संगीत में ही बेहतर कर सकते हैं, लेकिन अविरल ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया है।
तीन चरणों में पास की परीक्षा
LNIPE की प्रवेश परीक्षा तीन चरणों में हुई थी। पहले चरण में लिखित परीक्षा थी, दूसरे चरण में खेल कौशल की परीक्षा हुई, और तीसरे चरण में फिटनेस टेस्ट था, जिसमें 1000 मीटर की दौड़, स्टैंडिंग ब्रॉड जंप, 3 किलोग्राम मेडिसन बॉल ओवरहेड थ्रो और 50 मीटर की दौड़ शामिल थी। करीब 1300-1400 उम्मीदवारों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था, जिसमें अविरल ने अपनी जगह बनाई।
दिव्यांग छात्रों के लिए प्रेरणा
अविरल राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के आदर्श विद्यालय के छात्र रहे हैं और पैरा नेशनल में 1500 मीटर की दौड़ में मेडल जीत चुके हैं। उनकी ड्रॉइंग और पेंटिंग में भी गहरी रुचि है। सहारनपुर के रहने वाले अविरल अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। उनके कोच नरेश सिंह नयाल ने बताया कि अविरल हमेशा सभी के साथ मिलकर रहते थे और कभी भी अपनी दृष्टि बाधा को अपने सपनों की राह में नहीं आने दिया।
अविरल ने दिखा दिया है कि कोई भी बाधा इंसान के सपनों को रोक नहीं सकती। उनकी यह यात्रा उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।