आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा: हरिद्वार और रुड़की के दो निजी अस्पतालों की संबद्धता निलंबित

देहरादून, 2 अगस्त — आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आने के बाद हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल और रुड़की के क्वाड्रा हॉस्पिटल की योजना से संबद्धता राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। दोनों अस्पतालों को पांच दिन में जवाब दाखिल करने का नोटिस दिया गया है। इस अवधि में नए मरीजों की भर्ती पर रोक रहेगी, जबकि पहले से भर्ती मरीजों का इलाज जारी रहेगा।
क्वाड्रा हॉस्पिटल: 90% मरीज आईसीयू में भर्ती दर्शाए
ऑडिट में पाया गया कि अस्पताल ने सामान्य बीमारियों जैसे उल्टी, निर्जलीकरण और यूटीआई के मामलों में भी 90 प्रतिशत मरीजों को आईसीयू में भर्ती दिखाया। 1800 दावों में से 1619 मरीज आईसीयू पैकेज के तहत दिखाए गए। डिस्चार्ज से एक-दो दिन पहले उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया ताकि आईसीयू चार्ज को औचित्यपूर्ण बनाया जा सके।
जांच में यह भी पाया गया कि मरीजों की तस्वीरों में न तो मॉनिटर चालू थे, न ही आईवी लाइन लगी थी। मरीजों के फॉर्म में अलग-अलग परिवारों के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर पाए गए। तापमान डेटा, डिस्चार्ज नोट्स और दस्तावेजों की भाषा में समानता से सुनियोजित फर्जीवाड़े का संकेत मिला।
मेट्रो हॉस्पिटल: सभी मरीजों को आईसीयू में भर्ती दिखाया
हरिद्वार स्थित मेट्रो हॉस्पिटल में भी लगभग हर मरीज को 3 से 18 दिन तक आईसीयू में भर्ती दिखाया गया। अस्पताल आईसीयू चार्ट, मरीज की फोटो और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहा। कई अपलोड किए गए दस्तावेज अपठनीय पाए गए।
टीएमएस पोर्टल पर दस्तावेजों की समीक्षा में पाया गया कि कई सामान्य मरीजों को जानबूझकर गंभीर दिखाकर आईसीयू पैकेज का अनुचित लाभ उठाया गया।
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संभावित वित्तीय दंड और स्थायी बहिष्कार की चेतावनी
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि जवाब संतोषजनक न होने पर दोनों अस्पतालों की योजना से स्थायी संबद्धता समाप्त की जा सकती है और वित्तीय दंड भी लगाया जाएगा। प्राधिकरण ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों पर सख्त नजर रखी जाएगी और दोषी संस्थानों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।