केदारनाथ यात्रा में बाधा बना खराब मौसम, प्रशासन ने यात्रा पर लगाई रोक

केदारनाथ यात्रा में बाधा बना खराब मौसम, प्रशासन ने यात्रा पर लगाई रोक

केदारनाथ यात्रा के दौरान लगातार बारिश के चलते मौसम बड़ी बाधा बन गया है। मंगलवार को भारी बारिश के कारण सुबह 8:30 बजे से केदारनाथ पैदल यात्रा को सोनप्रयाग से रोक दिया गया है। भूस्खलन का खतरा देखते हुए जिला प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पिछले दो महीनों में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और अतिवृष्टि से यात्रियों और स्थानीय लोगों समेत 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग अभी भी लापता हैं। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक का मार्ग भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है, जहां हर कदम पर जानमाल की क्षति का खतरा बना हुआ है।

बीते 21 जुलाई को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा में भारी भूस्खलन से तीन यात्रियों की मौत हो गई थी और पांच अन्य घायल हो गए थे। वहीं, 31 जुलाई को भीमबली और लिनचोली के बीच अतिवृष्टि के कारण हजारों यात्री फंस गए थे। इस दौरान एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, और स्थानीय लोगों की मदद से 13,000 से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू किया गया।

kedarnath yatra on haultजिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक अजय प्रह्लाद कोंडे ने सोनप्रयाग में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर सुरक्षा उपायों का जायजा लिया। उन्होंने शाम 5 बजे के बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए और बारिश की स्थिति में यात्रियों की आवाजाही को रोकने को कहा।

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जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा को लेकर सभी अधिकारियों को सतर्क रहने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, लोनिवि के अधिकारियों को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने सुरक्षा को देखते हुए सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक शाम 5 बजे के बाद आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। उन्होंने निर्देश दिया कि बारिश की स्थिति में यात्रा को पुलिस के विवेकानुसार रोका या संचालित किया जाए।

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