बदरीनाथ धाम के ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक, जानें इसका कारण

बदरीनाथ धाम के ऑफलाइन पंजीकरण पर रोक, जानें इसका कारण

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से लगातार बारिश के कारण प्रशासन ने बदरीनाथ धाम के लिए ऑफलाइन पंजीकरण पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। पिछले कुछ दिनों से पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम खराब बना हुआ है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। गुरुवार को दोपहर तक ट्रांजिट कैंपों में पंजीकरण की प्रक्रिया जारी रही, लेकिन उसके बाद अचानक पंजीकरण रोक दिया गया। एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि सड़क क्षति और मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

चारधाम यात्रा में इस समय ऑफलाइन पंजीकरण सीमित स्तर पर ही हो रहा था, हालांकि पंजीकरण काउंटर खुले थे। विशेष कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रजापति नौटियाल ने बताया कि मौखिक आदेश के बाद सभी पंजीकरण तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए हैं।

बद्रीनाथ के पंजीकरण के साथ-साथ केदारनाथ, गंगोत्री और बदरीनाथ धाम की यात्रा पूरी तरह रोक दी गई है। बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी से आगे लगभग 30 मीटर तक बह गया है, जिससे बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब यात्रा भी ठप हो गई है। दोनों मार्गों पर करीब 2,000 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। केदारनाथ यात्रा गुरुवार को रेड अलर्ट के चलते पहले ही रोक दी गई थी और शुक्रवार को भी यात्रा बंद रहेगी।

गंगोत्री यात्रा पहले से धराली क्षेत्र में आई आपदा के कारण बाधित है। उधर, यमुनोत्री धाम के लिए केवल छोटे वाहनों को ही भेजा जा रहा है, जबकि बड़े वाहनों पर रोक लगी है।

इसी के साथ, फूलों की घाटी भी रेड अलर्ट के कारण लगातार दूसरे दिन पर्यटकों के लिए बंद रही, जहां करीब 300 पर्यटक घांघरियां में रोके गए हैं। प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से धैर्य बनाए रखने और अधिकृत सूचना स्रोतों से ही अपडेट प्राप्त करने की अपील की है।

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प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति पर नजर रखें और केवल अधिकृत स्रोतों से ही यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करें।

Saurabh Negi

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