बदरीनाथ और हेमकुंड में बर्फबारी का अभाव, शीतलहर ने बढ़ाई दिक्कतें
बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में नवंबर के अंत तक बर्फ की चादर ओढ़े रहने वाली ऊंची चोटियां इस बार बर्फविहीन हैं। मौसम की असामान्यता के चलते इस क्षेत्र में अब तक न तो बारिश हुई है और न ही बर्फबारी के आसार नजर आ रहे हैं।
बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्य ठंड के बावजूद जारी हैं। हालांकि रात के समय तापमान -7 डिग्री सेल्सियस तक गिरने और दोपहर बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ने से काम प्रभावित हो रहा है। लोनिवि (पीआईयू) के 500 मजदूर और 25 इंजीनियर दिन-रात इस महायोजना को पूरा करने में जुटे हैं। पीआईयू के अधिशासी अभियंता योगेश मनराल ने बताया कि धाम और आसपास की चोटियां बर्फ से पूरी तरह खाली हैं।
बदरीनाथ से लगभग 15 किमी दूर सतोपंथ ट्रेक पर भी बर्फ का नजारा न के बराबर है। पिछले वर्षों में 20 नवंबर के बाद यहां बर्फ की मोटी चादर बिछ जाती थी। वहीं, हेमकुंड साहिब में भी इस बार शीतकाल में बर्फबारी का अभाव देखा जा रहा है। गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि झील ठंड से जम चुकी है, लेकिन पहाड़ियों पर बर्फ नहीं है।
बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने इसे चिंताजनक बताया। उनका कहना है कि बर्फबारी न होने से मौसम में निखार नहीं आ रहा है और बारिश के अभाव से यह समस्या और गहरा सकती है।