बागेश्वर में खड़िया खनन पर रोक, खनन निदेशक और औद्योगिक सचिव को कोर्ट में पेश होने का आदेश
नैनीताल हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले में खड़िया खनन पर रोक लगा दी है। खंडपीठ ने यह फैसला कांडा तहसील के गांवों में खनन से आई दरारों को लेकर स्वतः संज्ञान में ली गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने 9 जनवरी 2025 को निदेशक खनन और औद्योगिक सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के खुलासे
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार, खननकर्ताओं ने वनभूमि और सरकारी भूमि पर नियमों के विरुद्ध खनन किया है, जिससे पहाड़ियां दरकने लगी हैं और बड़ा हादसा होने का खतरा बढ़ गया है। रिपोर्ट में शामिल फोटोग्राफ और वीडियो ने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया।
ग्रामीणों की समस्याएं और विस्थापन की मांग
ग्रामीणों ने खनन के कारण गांवों, मंदिरों, और पहाड़ियों में बड़ी दरारों की समस्या बताई। बारिश के दौरान इन दरारों में पानी भरने से भूस्खलन का खतरा और अधिक हो गया है। कृषि भूमि भी प्रभावित हो रही है। कई ग्रामीण हल्द्वानी पलायन कर चुके हैं, लेकिन गरीब परिवार गांव में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने खनन पर स्थायी रोक और सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की मांग की है।
कोर्ट के आदेश
कोर्ट ने डीएफओ बागेश्वर, पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण, और जिला खनन अधिकारी को पक्षकार बनाकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए दो न्यायमित्र नियुक्त किए गए हैं कि ग्रामीणों की समस्याओं का सही समाधान हो।