आपदा के बीच देहरादून डीएम सविन बंसल खुद पहुंचे बटोली गांव, रास्ता रातोंरात दुरुस्त, हर परिवार को मिली राहत राशि

देहरादून, 10 जुलाई – विकासनगर तहसील के आपदा-प्रभावित अंतिम गांव बटोली में ज़िंदगी मुश्किल दौर से गुजर रही थी—रास्ता टूटा, संचार थमा और कई परिवारों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया। लेकिन इस संकट के बीच ज़िला प्रशासन की ओर से एक संवेदनशील और सक्रिय पहल देखने को मिली। जिलाधिकारी सविन बंसल खुद भीषण पगडंडी पार कर बटोली गांव पहुंचे और अंतिम महिला, बुजुर्ग और बच्चों से आमने-सामने मुलाकात कर उनकी ज़रूरतें सुनीं। डीएम ने साफ कहा, “आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं, प्रशासन हरदम यहीं आपके साथ खड़ा है।” प्रशासन ने उन खतरनाक पथरीले टीले को, जो अतिवृष्टि से एक खाई में बदल चुका था, रातों-रात दुरुस्त करवाकर गांव से संपर्क बहाल किया। आमतौर पर जहां ऐसे रास्तों को ठीक करने में महीनों लगते हैं, प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से लोगों ने राहत की सांस ली।
मौके पर राहत कार्य और निर्देश:
- प्रत्येक परिवार को ₹4,000 प्रतिमाह के हिसाब से तीन महीने का किराया—₹3.84 लाख का चेक ग्रामीणों को मौके पर ही सौंपा गया।
- गांव में 15 दिन के भीतर हेलीपैड निर्माण के लिए स्थान चिह्नित करने का आदेश। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था।
- स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए वैकल्पिक आवास का सुझाव—स्कूल के पास मकान किराए पर लेकर बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के निर्देश, साथ ही उसकी धनराशि भी उपलब्ध कराई गई।
- 24×7 मैनपावर और मशीनरी तैनात रखने के आदेश, ताकि आगामी 3 महीने तक रास्ता खुला रहे।
- 20 सोलर लाइटों की स्वीकृति डीएम ने अपने कोटे से दी, जिससे रात में भी सुरक्षा बनी रहे।
- झूला पुल, स्थायी सड़क और थान गांव तक सड़क विकल्प पर लोनिवि को कार्यवाही के आदेश।
- आपात चिकित्सा व्यवस्था हेतु तात्कालिक मेडिकल कैंप और 3.98 लाख की आपात राशि मौके पर जारी।
डीएम ने कहा कि आपदा की घड़ी में प्रशासन की पहली ज़िम्मेदारी है कि वह हर गांव, हर व्यक्ति तक पहुंचे और उनकी मूलभूत ज़रूरतों को बिना देरी पूरा करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी पीड़ित अनदेखा न हो और हर मांग पर फील्ड में जाकर तुरंत कार्य हो।