इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर अस्पतालों में बेड आरक्षित
उत्तराखंड में भी इन्फ्लूएंजा वायरस की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जिले के सभी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में तैयारियां पूरी रखने के निर्देश दिए हैं।
रविवार को कुमाऊं में इन्फ्लूएंजा वायरस के दो नए मरीज मिले हैं। ऐसे में देहरादून सीएमओ डॉ. संजय जैन ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। सभी इमरजेंसी में मरीजों के लिए बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। कोई भी मरीज अगर बुखार, खांसी, सांस की समस्या या इन्फ्लूएंजा वायरस से संबंधित लक्षण से ग्रसित होता है तो उसे तुरंत उचित उपचार दिया जाएगा। इसके अलावा सभी से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की जा रही है।उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस सीजनल है। इसके रूप बदलते रहते हैं। फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। इस बार जो इन्फ्लूएंजा आ रहा है इसमें इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 वायरस है। दून अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. नारायणी जीत ने बताया कि अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके अलावा सांस की समस्या भी देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे मिनी कोरोना भी कह रहे हैं, क्योंकि इसमें कोरोना से मिलते जुलते लक्षण हैं।
वायरस के ग्रसित होने के लक्षण –
– एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार।
– नाक से पानी आना।
– सिर में दर्द रहना।
– उल्टी महसूस होना।
– भूख का कम होना।
– शरीर में दर्द रहना।
– बुखार भी तेज होना।
– खांसी काफी समय तक रहना।
– बलगम की परेशानी बढ़ना।
ऐसे करें इन्फ्लूएंजा से बचाव –
– बाहर निकलते समय या ऑफिस में हमेशा फेस मास्क पहनें।
– खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें।
– भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
– हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें।
– खुद को हाइड्रेट रखें, पानी-फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें।
– नाक और मुंह छूने से बचें।
– पब्लिक प्लेस पर न थूके और न ही हाथ मिलाएं।
– किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचें।
– डॉक्टर की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक न लें।